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हेरिटेज बिल्डिंग की हिफाजत के लिए आगे आया एनसीसी Muzaffarpur News

32 बिहार बटालियन के कर्नल मनमोहन ठाकुर ने जताई प्रतिबद्धता। तमिलनाडू गया भालगपुर व पटना समेत उत्तर बिहार के कैडेट्स करेंगे मदद।एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत 19 को पहुंचें।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:00 AM (IST)
हेरिटेज बिल्डिंग की हिफाजत के लिए आगे आया एनसीसी Muzaffarpur News
हेरिटेज बिल्डिंग की हिफाजत के लिए आगे आया एनसीसी Muzaffarpur News

जासं, मुजफ्फरपुर : राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विख्यात एलएस कॉलेज की हिफाजत के लिए एनसीसी की 32 बिहार बटालियन आगे आई है। कर्नल मनमोहन ठाकुर ने शनिवार को इस हेरिटेज बिल्डिंग की साफ-सफाई व सौंदर्यीकरण में अपने कैडेट्स की बदौलत सहयोग करने की इच्छा जताई। प्राचार्य प्रो. ओपी राय के साथ मौके पर उद्यान विभाग के उप निदेशक नीतेश राय, कॉलेज के शिक्षक डॉ. विजय कुमार, डॉ. सुरेंद्र राय, डॉ. ललित किशोर भी मौजूद थे। कर्नल ने कहा कि यह काम सामाजिक दायित्व के तौर पर किया जाएगा। 19 नवंबर से 'एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ अभियान के तहत राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम होने जा रहा है। मौके पर हेरिटेज की हिफाजत हमारी प्राथमिकता होगी। तमिलनाडु से 100 कैडेट्स के अलावा उत्तर बिहार के सभी जिलों समेत गया, भागलपुर व पटना से 600 कैडेट्स आएंगे। 12 दिनों के कार्यक्रम में कॉलेज के अंदर व बाहर समेत भवन के उपर उग आए झाडिय़ां व पौधों की सफाई की जाएगी। उद्यान में रंग-बिरंगे फूल लगेंगे। रोजाना कैंपस की सफाई होगी। इसमें कैडेट्स समेत एनसीसी अफसर भी हाथ बंटाएंगे। प्राचार्य ने भी घूमकर साफ-सफाई का जायजा लिया और कर्मचारियों को इसके लिए ताकीद की।

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बापू व पीएम मोदी से सीखें स्वच्छता

कर्नल ने कहा कि महात्मा गांधी की वह उक्ति हमें याद है-'तुम जो गंदगी फैलाते हो उसको तुम्हारी तरह कोई दूसरा व्यक्ति साफ करता है।' हम सबको इससे सीख लेने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समुद्र तट पर अपने हाथों से प्लास्टिक व कचरे की सफाई करते दिखाई पड़ते हैं। उनके स्वच्छता मिशन को हर भारतीय को आत्मसात करने की जरूरत है। हमारे पास ह्यूमन रिसोर्स बहुत ज्यादा है। कैडेट्स के अंदर स्वच्छता मिशन की भावना जागृत करके साफ-सफाई का काम किया जा सकता है। एलएस कॉलेज हेरिटेज बिल्डिंग के रूप में विख्यात है। इसपर पेड़-पौधे लग रहे हैं जो इस भवन को धरासायी कर सकता है। विद्यार्थियों को ये बात बताने की जरूरत है कि ये सब काम उन लोगों के लिए ही तो किया जा रहा है। अगर ये बात उन्हें बखूबी समझा दी गई तो यकीन मानिए पांच से 55 साल तक के लोग साफ-सफाई में हाथ बंटाएंगे।  


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