नक्सली सैनिक दस्ते का कमांडर आइईडी विशेषज्ञ मुनचुन अहियापुर से गिरफ्तार, इस तरह मिली सफलता
एसएसबी एसटीएफ व एएसपी अभियान के संयुक्त कार्रवाई में मिली सफलता। आइईडी तैयार करने को ले रखा विशेष प्रशिक्षण अब तक लगभग 150 आइइडी किया तैयार।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के उत्तर बिहार पश्चिमी जोनल कमेटी के सैनिक दस्ता के कमांडर मुनचुन साह उर्फ रोशन को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसबी, एसटीएफ व एएसपी अभियान के संयुक्त ऑपरेशन में उसे अहियापुर थाना के एसकेसीएच के निकट से गिरफ्तार किया गया। नक्सली संगठन में उसकी गिनती आइईडी विशेषज्ञ के रूप में की जाती थी। उसे संगठन की ओर से आइईडी तैयार करने की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी।
बम तैयार करने में माहिर
पूछताछ में उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि अब तक उसने लगभग 150 आइईडी तैयार किया है। वह संगठन के लिए लेवी वसूलने में भी सबसे आगे रहता था। इसके अलावा वह चलते या दौड़ते हुए भी बम तैयार करने में माहिर था। पश्चिमी जोनल कमेटी के सचिव रामबाबू राम राजन उर्फ प्रहार का वह खास सहयोगी था। उसके खिलाफ सरैया, बोचहां, हथौड़ी, देवरिया, साहेबगंज, मोतीपुर, पारू व पूर्वी चंपारण के राजेपुर सहित अन्य थाना क्षेत्रों में नक्सली वारदात से संबंधित 50 से अधिक मामले दर्ज है। गिरफ्तारी के बाद उसे सरैया थाना के हवाले कर दिया गया है।
2012 में मीनापुर में हुआ था गिरफ्तार
वर्ष 2012 में मुनचुन साह को मीनापुर में गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पूर्वी चंपारण जिला के छेनी छपरा गांव से एके-56 व बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किया था। पुलिस ने हार्डकोर नक्सली इसराफिल मियां व मुन्ना मियां को भी गिरफ्तार किया था।
तत्कालीन एएसपी अभियान राणा ब्रजेश की हत्या की रची थी साजिश
उत्तर बिहार में नक्सलियों की कमर तोडऩे वाले तत्कालीन एएसपी (अभियान) राणा ब्रजेश की हत्या की मुनचुन ने साजिश रची थी। उसने यह साजिश संगठन के जोनल कमेटी के सचिव रामबाबू राम राजन उर्फ प्रहार के निर्देश पर रची थी। उस समय राणा ब्रजेश के मुख्य निशाने पर आने से प्रहार घबरा गया था। उसे अपनी गिरफ्तारी या मारे जाने का भय होने लगा था। खुफिया सूचना के आधार पर आठ मार्च 2015 में मोतिहारी से उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी साजिश सफल नहीं हो पाई।
चाय की दुकान से सैनिक दस्ता के कमांडर तक का सफर
पूर्वी चंपारण जिला के राजेपुर थाना के नारायणपुर गांव की मुनचुन सिवाईपट्टी के रामनगर चौक पर चाय की दुकान थी। वर्ष 2009 मे वह अपने ग्रामीण रामबाबू प्रसाद के साथ नक्सली संगठन में शामिल हुआ। उसका मुख्य निशाना नारायणपुर स्टेट रहा। इस स्टेट के कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसमें तत्कालीन मुखिया प्रेमचंद की हत्या भी शामिल है। संगठन के ऑपरेशन में सबसे आगे रहने के कारण उसे सैनिक दस्ता का कमांडर बनाया गया।