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अपहरण के 50 दिनों तक जीवित थी नवरुणा, शव मिलने के 20 दिनों पूर्व की गई हत्या

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सीबीआइ की अर्जी में सनसनीखेज रहस्योद्घाटन। जांच पूरी करने के लिए छह माह की नई डेडलाइन की मांग। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 01:05 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 08:29 AM (IST)
अपहरण के 50 दिनों तक जीवित थी नवरुणा, शव मिलने के 20 दिनों पूर्व की गई हत्या
अपहरण के 50 दिनों तक जीवित थी नवरुणा, शव मिलने के 20 दिनों पूर्व की गई हत्या

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अपहरण के 50 दिनों तक नवरुणा जीवित थी। उसका अपहरण 18 सितंबर 2012 की रात में किया गया था। उसका शव 69 दिनों के बाद 21 नवंबर 2012 को मिली थी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार शव मिलने के दस से 20 दिनों पूर्व उसकी हत्या की गई। इसका मतलब है कि अपहरण के तुरंत बाद उसकी हत्या नहीं की गई। सीबीआइ यह जांच करने जा रही है कि अपहरण के बाद इतने लंबे समय तक नवरुणा को छुपाने व अपराधियों को संरक्षण देने वाला कौन है।

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  जांच में उसने घटना संपत्ति विवाद के कारण माना है। बताया है कि इसके पीछे भू-माफिया व पुलिस के बीच गठजोड़ सामने आ रहा है। यह सनसनीखेज जानकारी सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दी है। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के लिए एक बार फिर से छह माह की नई डेडलाइन देने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस अर्जी पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

स्वास्थ्य कारणों से नहीं हो सकी जितेंद्र प्रसाद की वैज्ञानिक जांच

अर्जी में सीबीआइ ने कहा है कि तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष व इस मामले के अनुसंधानकर्ता जितेंद्र प्रसाद की वैज्ञानिक जांच नहीं हो सकी है। इसके लिए उसके स्वास्थ्य का हवाला दिया गया। उसकी वैज्ञानिक जांच बेहद आवश्यक है, क्योंकि पॉलीग्राफी टेस्ट में उसके कई जबाव धोखा देने वाला व भ्रामक पाया गया है।

सीलबंद लिफाफा में सुप्रीम कोर्ट में प्रगति प्रतिवेदन दाखिल

सीबीआइ ने दूसरी बार जांच का प्रगति प्रतिवेदन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। यह प्रगति प्रतिवेदन लिफाफा में सीलबंद है। 

दो मई को समाप्त हो गई थी छठी डेडलाइन

सीबीआइ की अर्जी पर छठी बार सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने को लेकर दो नवंबर 2018 को छठी डेडलाइन तय की थी। यह डेडलाइन दो मई 2019 को समाप्त हो गई। सीबीआइ की ओर से जांच पूरी करने को लेकर छह माह का और समय देने की प्रार्थना की गई है। अर्जी में सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि अपराधियों को पकडऩे के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए उसे और समय चाहिए। नई डेडलाइन मेंं जांच पूरा करने का एक्शन प्लान भी सीबीआइ ने कोर्ट के समक्ष पेश किया है।

सीबीआइ के विशेष कोर्ट में भी सुनवाई आज

नवरुणा मामले को लेकर मुजफ्फरपुर स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में आज भी सुनवाई है। लंबे समय से सीबीआइ अधिकारी व अन्य इस कोर्ट में नहीं आ रहे हैं। उनकी ओर से कोई अर्जी भी दाखिल नहीं की जा रही है। इससे सुनवाई टल रही है।

सात संदिग्ध आरोपितों को सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार

सीबीआइ ने इस मामले में दो बार में सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ आरोपितों के विरुद्ध निर्धारित 90 दिनों के अंदर विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी। इससे सभी को जमानत मिल गई। जांच के क्रम में सीबीआइ ने 324 लोगों से पूछताछ की।

यह है मामला

नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से 18 सितंबर 2012 की रात सोई अवस्था में नाबालिग नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। बाद में उसके घर के निकट नाला सफाई के दौरान 21 नवंबर 2012 को मानव कंकाल मिला। डीएनए टेस्ट से यह कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में पुलिस फिर सीआइडी ने इस मामले की जांच की। फरवरी 2014 से इसकी जांच सीबीआइ कर रही है।

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