Muzaffarpur Weather Update : निकली धूप, आसमान में हल्के बादल, कनकनी ने बढ़ाई परेशानी
Muzaffarpur Weather Update मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। सुबह में हल्के से मध्यम कुहासा छा सकता है। दिन में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस बीच अधिकतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है
मुजफ्फरपुर, जासं। मौसम में लगातार बदलाव जारी है। शनिवार की सुबह धूप निकली, लेकिन कनकनी बरकारर है।आसमान में हल्के बादल छाए हुए है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभागडा राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से 23 दिसम्बर तक पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के कुछ जिलों में आसमान में हल्के बादल की संभावना बताई गई है। तकनीकी पदाधिकारी डॉ. गुलाब सिंह व नोडल पदाधिकारी डाॅं. ए.सत्तार ने बताया कि पूर्वानुमान की अवधि में मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। सुबह में हल्के से मध्यम कुहासा छा सकता है। दिन में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस बीच अधिकतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आ सकती है। यह 7-9 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है। पछिया हवा चलने का अनुमान है। औसतन 7-9 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 40 से 50 प्रतिशत रहे्गी।
किसानों के लिए सुझाव
- सब्जियों में निकाई-गुड़ाई एवं आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। मटर, टमाटर, बैगन, मिर्च में फल छेदक कीट का प्रक्रोप दिखने पर स्पिनोसेड 48 ई0सी0/ 1 मि0ली0 प्रति 4 ली0 पानी या क्वीनलफाॅस 25 ई0सी0 दवा का 1.5 से 2 मि0ली0 प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
-- गेहूं की 21-25 दिनों की फसल में प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का व्यवहार करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में कई प्रकार के खर-पतवार उग आते है। यह गेहूं की बुआई के 30 से 35 दिनों के बाद की अवस्था है। इन खरपतवारों का विकास काफी तेजी से होता है और ये गेहूं की बढ़वार को प्रभावित करती है। इससे उपज प्रभावित होता है। इन सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रन हेतु सल्फोसल्फयुराॅन 33 ग्राम प्रति हेक्टर एवं मेटसल्फयुराॅन 20 ग्राम प्रति हेक्टर दवा 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में पर छिड़काव करें।
--दूधारु पशुओं के रख-रखाव पर विषेष घ्यान दें। इनमें दुग्ध उत्पादन बढा़ने हेतु हरे एवं शुष्क चारे के मिश्रण के साथ नियमित रुप से 50 ग्राम नमक, 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण प्रति पशु एवं दाना खिलावें। बिछावन के लिए सुखी घास या राख का उपयोग करें।
-आलू की फसल में निकौनी करें। निकौनी के बाद प्रति हेक्टेयर 75 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का उपरिवेषन कर आलू में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें। आलू में कीट-व्याधि की निगरानी करें।