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Muzaffarpur: आरटीपीसीआर जांच को आई लेबोरेट्री वैन को सैंपल देने पर रोक, अब एसकेएमसीएच में जांंच

सीएस ने बताया कि उनके यहां जो वैन आई है। वह अपनी मनमर्जी से जांच कर रही है व रिपोर्ट दे रही है। सरकार ने जिस उद्देश्य से यह वाहन दिया है वह पूरा नहीं हो रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र देकर अवगत करा दिया गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 09:20 AM (IST)
Muzaffarpur: आरटीपीसीआर जांच को आई लेबोरेट्री वैन को सैंपल देने पर रोक, अब एसकेएमसीएच में जांंच
15 जून के बाद जांच के लिए नमूना नहीं दे रहा स्वास्थ्य विभाग।

मुजफ्फरपुर, जासं। आरटीपीसीआर जांच को आई लेबोरेट्री वैन को सैंपल देने पर तत्काल रोक लगा दी गई है। इसके साथ अब कोरोना नमूनों को जांच के लिए सीधे एसकेएमसीएच को भेजा जाएगा। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कोरोना जांच को आई लेबोरेट्री वैन के कार्यकलापों की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया है। सीएस ने बताया कि उनके यहां जो वैन आई है। वह अपनी मनमर्जी से जांच कर रही है व रिपोर्ट दे रही है। सरकार ने जिस उद्देश्य से यह वाहन दिया है, वह पूरा नहीं हो रहा है। इसलिए राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र देकर सारी स्थिति से अवगत करा दिया गया है। कोरोना जांच के नोडल पदाधिकारी डा.अमिताभ सिन्हा ने बताया कि चार जून को जिन नमूनों को जांच के लिए दिया गया था, उसकी रिपोर्ट 15 जून तक नहीं मिली।

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एसकेएमसीएच से 24 घंटे में मिलेगी रिपोर्ट

सिविल सर्जन ने बताया कि चार जून को लेबोरेट्री वैन जिले में आई। पहले दिन का मात्र 908 नमूनों की रिपोर्ट ही मिली। उसके बाद से अब तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। जिन संदिग्धों की सैंपल जांच के लिए वैन को दी गई थी, उनकी रिपोर्ट नहीं आने से संदिग्ध काफी परेशान हैं। कार्यालय पर आकर हंगामा करते हैं। यदि उनमें से कुछ लोग भी पॉजिटिव होंगे तो जिले में संक्रमण बढऩे की आशंका बढ़ रही है। इसको देखते हुए लेबोरेट्री वैन को जिला की टीम द्वारा लिए गए सैंपल को नहीं देने का निर्णय लिया गया है। सीएस ने बताया कि एसकेएमसीएच में पांच आरटीपीसीआर मशीन है। अब वहां सिर्फ मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी जिले के सैंपल की ही जांच हो रही है। ऐसे में वहां सैंपल की ही कमी है। अब 24 घंटे के अंदर एसकेएमसीएच से रिपोर्ट मिल जा रही है। ऐसे में अब जिला की ओर से लिए गए सभी सैंपल को सिर्फ एसकेएमसीएच भेजा जाएगा। वहां से समय पर रिपोर्ट आने पर संबंधित को दे दिया जाएगा।

एक वाहन का किराया छह लाख, उपलब्धि है कम

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छह लाख रुपये प्रतिदिन किराए पर आरटीपीसीआर जांच के लिए राज्य मुख्यालय ने वैन भेजी है। जानकारों की मानें तो जिस कंपनी की ओर से यह वैन संचालित है। उसको महाराष्ट्र सरकार की ओर से काली सूची में डाल दिया गया है। यहां हाल यह है कि लेबोरेट्री वैन 12 दिनों में मात्र एक दिन की ही रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा सकी है। जबकि मकसद यह था कि प्रतिदिन दो पीएचसी में जाकर कोरोना संदिग्धों के नमूने लेकर छह घंटे में ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट उपलब्ध करा देगी। 12 दिन बीत जाने के बाद अब तक इस वैन से जिला स्वास्थ्य विभाग को मात्र 908 सैंपल की ही रिपोर्ट दी गई है। सीएस ने कहा कि वैन किस दिन किस प्रखंड में जाकर सैंपल ले रहा है, इसकी भी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी को नहीं मिल रही है। जबकि नोडल अधिकारी की ओर से इस वैन को प्रत्येक दिन दो पीएचसी का माइक्रो प्लान उपलब्ध कराया जा रहा है। पहले दिन चार जून को 1000 सैंपल इसे दिया गया, अगले दिन 908 लोगों का जांच कर रिपोर्ट ईमेल पर दी। कई बार मौखिक और टेलीफोन के माध्यम से इसके कोऑर्डिनेटर को हर दिन की रिपोर्ट देने को निर्देशित किया गया। बावजूद इसके उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलती है। सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने कहा कि आटीपीसीआर जांच को आई लेबोरेट्री वैन की उपयोगिता नहीं रह गई है। उसकी कार्यशैली से कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है। समय पर रिपोर्ट नहीं दे रहा। उसको वापस करने के लिए राज्य मुख्यालय को सूचित किया गया है।

तिथि और जांच के लिए दिए गए नमूने

4 जून को 1000,

5 जून को 1000,

6 जून को 1006,

7 जून को 850,

8 जून को 850,

9 जून को 700,

10 जून को 894,

12 जून को 1000,

13 जून को 800,

14 जून को 850,

15 जून को 750 


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