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मुजफ्फरपुर: अब निजी उत्पादन केंद्रों पर खत्म होगी सरकारी अस्पतालों की निर्भरता

दूसरी लहर में बेला व दामोदरपुर फैक्ट्री के सहारे रही व्यवस्था आक्सीजन को लेकर अस्पताल में तोडफ़ोड़ की आई थी नौबत। तीसरी लहर के मद्देनजर एसकेएमसीएच सदर अस्पताल और दो पीएचसी में आक्सीजन प्लांट। एसकेएमसीएच में 15 से आक्सीजन उत्पादन सदर अस्पताल में दूसरी यूनिट की तैयारी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:14 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:48 AM (IST)
मुजफ्फरपुर: अब निजी उत्पादन केंद्रों पर खत्म होगी सरकारी अस्पतालों की निर्भरता
एसकेएमसीएच में 15 से आक्सीजन उत्पादन, सदर अस्पताल में दूसरी यूनिट की तैयारी। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। कोरोना की दूसरी लहर में सरकारी अस्पताल में आक्सीजनयुक्त बेड की कमी के कारण भारी फजीहत हुई। सरकारी अस्पताल मेें तोडफ़ोड़ तक हुई। तीसरी लहर को लेकर इस बार शासन-प्रशासन सजग है। हर स्तर पर तैयारी चल रही है। केयर इंडिया के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी कहते हैं कि पिछली बार आक्सीजन की कमी से परेशानी हुई थी। इस बार यह कमी नहीं रहे, इसके लिए आक्सीजन प्लांट पर जोर है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि बिहार मेडिकल सर्विसेस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) की ओर से सदर अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक के पास आक्सीजन प्लांट का निर्माण किया जाएगा। पारू व सरैया में आक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। सदर अस्पताल परिसर में एमसीएच भवन परिसर में पहले से एक प्लांट लगा हुआ है। एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार ने बताया कि इस बार आक्सीजन संकट नहीं हो, इसके लिए 20-20 टन का दो क्रायोजेनिक टैंक की व्यवस्था हुई है। 15 अगस्त से आक्सीजन का उत्पादन होने लगेगा।

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एक सौ बेड का चलंत अस्पताल आइसीआइसीआइ की मदद से तैयार हो रहा है। उसका खुद का आक्सीजन कंसट्रेटर रहेगा। प्रतिदिन एक हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन परिसर में ही हो, इसकी तैयारी है। इसके साथ वायुमंडल से आक्सीजन लेने के लिए एक सौ पीस कंसट्रेटर उपलब्ध है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने कहा कि आक्सीजन को लेकर इस बार हर स्तर पर तैयारी है। मरीज आने लगेंगे तो उसके अनुसार आक्सीजन की सुविधा मिलेगी। एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल का अपना प्लांट इस माह से काम करेगा।

निजी स्तर पर दो यूनिट से आक्सीजन आपूर्ति का इंतजाम

निजी स्तर पर दामोदरपुर और बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज-दो में भी एसबीजी एयर प्रोडक्ट का प्लांट है। इसके पास मेडिकल और इंडस्ट्रियल सप्लाई का लाइसेंस है। दोनों यूनिट से पिछली बार निजी और सरकारी अस्पताल में आपूर्ति हुई। इस बार भी यही इंतजाम है।

तीसरी लहर को लेकर यह व्यवस्था

- एसकेएमसीएच में दो आक्सीजन प्लांट लग गया। एक सौ आक्सीजन कंसट्रेटर का इंतजाम है।

- सदर अस्पताल में दो आक्सीजन प्लांट रहेगा। एक बनकर तैयार है। दूसरे की तैयारी चल रही है। पहले यूनिट की क्षमता 300 एलपीएम उत्पादन की है। दूसरे से 600 एलपीएम आक्सीजन का उत्पादन होगा।

- पारू व सरैया पीएचसी में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा। पीएचसी स्तर पर आक्सीजन युक्त बेड का प्रबंध है।

- सदर अस्पताल में 360 आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम है। पीएचसी के लिए पांच सौ सिलेंडर और तीन सौ कंसट्रेटर की व्यवस्था है। इसमें 150 कसंट्रेटर पीएचसी स्तर पर तैयार है। जबकि 150 को सुरक्षित रखा गया है।

- सदर अस्पताल व बीबी कालेजिएट में डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर तैयार है। दोनों जगहों पर 220-220 बेड है, जहां पाइप लाइन से आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था है।

-जिले में 517 स्वास्थ्य उप केंद्र हैं, जहां पर एक-एक प्लस आक्सीमीटर दिया गया है। एएनएम होम आइसोलेशन में रहने वालों के आक्सीजन स्तर की जांच करेंगी। जरूरत के मुताबिक अस्पताल भेजा जाएगा।

दूसरी लहर में ऐसा रहा था हाल

- निजी आक्सीजन सप्लायर के सहारे सरकारी अस्पताल की व्यवस्था चली।

- आक्सीजन की कमी को लेकर एसकेएमसीएच में हंगामा के बाद कई बार लाठीचार्ज की नौबत आई।

- सरकार संचालित ग्लोकल अस्पताल में भी आक्सीजन को लेकर मारामारी हुई।

-निजी स्तर पर आक्सीजन की कालाबाजारी हुई। 15 से 25 हजार तक में जरूरतमंदों से सिलेंडर की बिक्री हुई। 


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