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रेड जोन में चल रहा मुजफ्फरपुर शहर का प्रदूषण ग्राफ, क्या आप बचाव के उपायों को अपना रहे?

Muzaffarpur News जिला स्कूल इलाके में प्रदूषण का ग्राफ मंगलवार को दोपहर 12 बजे 380 पर जाकर थमा। प्रदूषण में बढ़ोतरी का प्रभाव शहरवासियों के स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा है। यहां के लोगों में सांस से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं।

By Amrendra TiwariEdited By: Ajit kumarPublished: Wed, 30 Nov 2022 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 11:54 AM (IST)
नगर निगम की ओर से कोई विशेष पहल नहीं की जा रही है। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। शहर का वायु प्रदूषण ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। दीपावली के बाद से यहीं हालत बनी है। इस बार दीपावली के दौरान आतिशबाजी से जितना प्रदूषण का ग्राफ नहीं बढ़ा उतना अब बढ़ रहा है। जिला स्कूल इलाके में प्रदूषण का ग्राफ दोपहर 12 बजे 380 पर जाकर थमा। वहीं एक्यूआइ 372 पर रहा। यह रेड जोन में है। समाहरणालय व एमआइटी इलाके का प्रदूषण ग्राफ विभागीय पोर्टल पर नहीं दिखा। वहीं, पीएम 2.5 की स्तर जिला स्कूल इलाके में सुबह पांच बजे 377, दोपहर 12 बजे 380, शाम तीन बजे 312 और रात आठ बजे 352 पर रहा। उधर, डा.नवीन कुमार ने बताया कि इधर सांस संबंधित बीमारियों से मरीज लगातार आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण बढ़ रहा प्रदूषण है।

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तिथि--- एक्यूआइ

1 नवंबर--- 229

2 नवंबर--- 143

3 नवंबर--- 206

4 नवंबर--- 301

5 नवंबर--- 317

6 नवंबर--- 252

7 नवंबर--- 235

8 नवंबर--- 265

9 नवंबर--- 280

10 नवंबर--- 314

11 नवंबर--- 319

12 नवंबर--- 266

13 नवंबर--- 322

14 नवंबर--- 348

15 नवंबर--- 361

16 नवंबर--- 331

17 नवंबर--- 349

18 नवंबर--- 252

19 नवंबर--- 335

20 नवंबर--- 332

21 नवंबर--- 339

22 नवंबर--- 331

23 नवंबर--- 289

24 नवंबर--- 346

25 नवंबर--- 378

26 नवंबर--- 352

27 नवंबर--- 354

28 नवंबर--- 375

29 नवंबर--- 372

तीन शहरों में नियंत्रण की कार्ययोजना तैयार

पटना : प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। बेगूसराय, दरभंगा, बेतिया, मोतिहारी, सिवान, बक्सर में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर है। इन शहरों में एयर क्वालिटी सूचकांक (एक्यूआइ) 400 को पार कर गया है। इन शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने में अभी समय लगेगा। आंकड़ों का अध्ययन पिछले छह माह से किया जा रहा है। कार्ययोजना तैयार करने के लिए कम से कम साल भर का डाटा जरूरी है। ये बातें मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.अशोक कुमार घोष व सदस्य सचिव एस.चंद्रशेखर ने कहीं।

पटना, गया व मुजफ्फरपुर की कार्ययोजना तैयार

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.घोष ने कहा कि अभी तक प्रदेश के केवल तीन शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। उसमें पटना, गया व मुजफ्फरपुर शामिल हैं। इन शहरों में कार्ययोजना के अनुसार काम करने का निर्देश संबंधित एजेंसियों को दिया गया है। कार्ययोजना के अनुसार काम कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है।

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