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मुजफ्फरपुर: मानव बल ने जिला प्रतिरक्षण कार्यालय पर किया प्रदर्शन, कहीं हुआ काम तो कहीं होता रहा इंतजार

Muzaffarpur News कोरोना महामारी को लेकर बहाल मानव बल को हटाने के आदेश के बाद दिन भर उहापोह का माहौल रहा। जिला प्रतिरक्षण कार्यालय पर महिलाओं ने किया प्रदर्शन। कहा अगर नियोजन रद किया तो सीएस लेटर निकालें।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:12 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 10:12 AM (IST)
मुजफ्फरपुर: मानव बल ने जिला प्रतिरक्षण कार्यालय पर किया प्रदर्शन, कहीं हुआ काम तो कहीं होता रहा इंतजार
कोरोना महामारी को लेकर बहाल मानव बल को हटाने के आदेश के बाद दिन भर उहापोह का माहौल।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी को लेकर बहाल मानव बल को हटाने के आदेश के बाद दिन भर उहापोह का माहौल रहा। कोई अधिकारी यह कहने को तैयार नहीं मिले कि कहां-कहां मानव बल ने काम किया और कहां नहीं। खुद सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी ने देर शाम इतना कहा कि हमने मुख्यालय के आदेश से सभी पीएचसी प्रभारी को अवगत करा दिया है। इधर जो जानकारी सामने आई उसके हिसाब से मड़वन, सरैया, पारू, शहरी इलाके को छोड़कर बाकी जगह पर मानव बल ने अपनी सेवा दी। एक जानकारी यह भी आई कि कुछ जगह पर बिना हाजिरी बनाए मानव बल ने अपनी सेवा दी। कहीं से हंगामे की सूचना नहीं है। सदर अस्पताल के प्रतिरक्षण कार्यालय में दिनभर डाटा इंट्री आपरेटर बिना काम के बैठे रहे। गोपालगंज से यहां काम करने आई एक युवती ने कहा कि बड़ी उम्मीद के साथ यहांं काम करने आए। मकान भाड़े पर लिया अब तीन माह पहले नियोजन रद को गया। कई एएनएम की शिकायत यह रही कि निजी अस्पताल की नौकरी को अलविदा कहने के बाद यहां पर आई, लेकिन अब कहां जाएं समझ मेें नहीं आता।

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तीन बार बहाली रद हुई और काम मिला

स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना काल में सेवा के लिए 780 मानव बल की बहाली हुई। उसके बाद बहाली में लेन-देन के ऑडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की। उसके बाद सारी बहाली को रद कर दिया गया। मानवबल के हंगामे के बाद पुन सिविल सर्जन ने अपने आदेश को वापस लेकर काम करने का आदेश दिया। मानव बल दो दिन काम किए। इस बीच मुख्यालय से आदेश आया कि बहाली में अनिनयिमितता है इसलिए उसे रद कर दिया जाए। उसके बाद सोमवार को उहापोह रहा। मुख्यालय के आदेश के बाद सिविल सर्जन स्तर से मुख्यालय के आदेश के आलोक में बहाली को रद करने का आदेश नहीं देते हुए मुख्यालय के आदेश को ही स्वास्थ्य विभाग के व्हाएटएप समूह पर डाल दिया। इसके बाद पीएचसी प्रभारी पर फैसला छोड़ दिया। अब पीएचसी प्रभारी निर्णय लेने में आगे-पीछे कर रहे कि मुख्यालय का आदेश मानें या फिर मुख्यालय का। जो हालात है उससे लग रहा कि एक दो दिन और लुका छिपी का खेल चलेगा।

प्रतिरक्षण कार्यालय में डटी रहीं महिलाएं

दर्जनों महिलाओं ने जिला प्रतिरक्षण कार्यालय पहुंच प्रदर्शन किया। महिलाओं का कहना था कि अगर उनकी बहाली रद कर दी गई है तो सिविल सर्जन लेटर निकाल उन्हें दें। अगर नहीं दे रहे हैं तो हमलोग कैसे मान लेंगे कि उन्हें कार्य से हटा दिया गया हैं। शहरी क्षेत्र के टीकाकरण प्रभारी डॉ शंभू कुमार ने बताया कि दस केंद्र चलाया गया हैं। किसी भी साइड पर बहाली से हटाए गए नियोजन कर्मी को नहीं रखा गया। ड्यूटी पर आए मानव बल व अन्य कर्मी वापस लौट गए।

बोले सिविल सर्जन हम नहीं निकालेंगे कोई अब लेटर

इधर सिविल सर्जन सुरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों को नियोजन रद का लेटर भेज दिया गया हैँ।अगर किसी प्रभारियों को कार्य लेना है तो बिना हाजिरी बनाए कार्य करा सकते हैं। सीएस ने कहा कि बहाल कर्मी बिना पैसे के कार्य करने को तैयार हैं तो हम कार्य क्यों नहीं कराएं। वह अपने स्तर से नियोजन रद का लेटर नहीं निकालेंगे।

मुख्यालय द्वारा मांगी गई शो कॉज का जवाब दे दिया गया है। कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ अमिताभ सिन्हा ने कहा कि इन कर्मियों की ड्यूटी लेने के लिए सिविल सर्जन से बात की है, लेकिन वह कुछ नहीं बताएं। जब तक हटाने संबंधी उनके पास कोई आदेश नहीं आता, तबतक यह लोग काम कर रहे हैं।


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