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Muzaffarpur Nagar Nigam और बुडको ने योजना को गति नहीं दी, नतीजा जलजमाव में तैरता रहा शहर

Muzaffarpur Nagar Nigam शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए दो साल पूर्व बनी स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना फाइलों में ही रही। नासूर बन चुकी समस्या।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 09:29 AM (IST)
Muzaffarpur Nagar Nigam और बुडको ने योजना को गति नहीं दी, नतीजा जलजमाव में तैरता रहा शहर
Muzaffarpur Nagar Nigam और बुडको ने योजना को गति नहीं दी, नतीजा जलजमाव में तैरता रहा शहर

मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। मुजफ्फरपुर शहर को 'स्मार्ट सिटी' बनाने की कवायद जमीन पर कम, कागजों में अधिक चल रही है। शहर की पांच लाख की आबादी को आधुनिकतम जन- सेवाओं की बात तो छोडि़ए, बुनियादी सुविधाएं ही मयस्सर नहीं हो पा रहीं हैं। जलजमाव की समस्या की ही हम बात करें तो नासूर बन चुकी इस समस्या का स्थायी हल निकालने की गंभीरता नजर नहीं आती। नतीजा हर साल की तरह इस वर्ष भी मानसून आते ही शहरवासियों की पीड़ा फिर से उभर आई। बीते तकरीबन ढाई माह से शहर की सड़कें, गली-मोहल्ले नालों के ओवरफ्लो में तैर रहे हैं। नगर निगम लाचार बना है। प्रशासन मूक दर्शक। योजनाए मानो लोगों का मुंह चिढ़ा रहीं हैं।

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नगर निगम और बुडको की उदासीनता के कारण योजना को गति नहीं

दो साल पूर्व मुजफ्फरपुर स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना तैयार की गई थी। सरकार ने अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) योजनार्न्गत इसके लिए 183.40 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। योजना को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी बिहार शहरी आधारभूत सरंचना विकास निगम (बुडको) को सौंपी गई थी। बूडको ने निविदा के माध्यम से इस कार्य को पूरा करने का जिम्मा खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्नू इंफ्रा कन्स्ट्रक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। नगर विकास एवं आवास मंत्री ने सुरेश कुमार शर्मा ने एक साल पूर्व योजना का शिलान्यास किया था। वैसे एक दशक पूर्व ही सेवा यात्रा के दौरान मुजफ्फरपुर प्रवास में मुख्यमंत्री की पहल पर इस प्लान की बात चली थी। लेकिन पहले नगर निगम और फिर बुडको की उदासीनता के कारण योजना गति नहीं पा सकी।

बरसात आने पर नींद खुली

इस योजना पर काम तब शुरू हुआ जब इस साल बरसात ने दस्तक दे दी। यदि योजना को जमीन पर उतारने की सरकारी प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया गया होता तो शहरवासियों को इस पीड़ा से निजात मिल गई होती।

योजना के तहत होने हैं ये कार्य

योजना पर खर्च होने वाली 183.40 करोड़ की राशि से 22.40 किमी बड़े नालों का निर्माण किया जाना है। वहीं 5.689 किमी कवर्ड और 16.42 किमी खुले नाले बनेंगे। जबकि 21

एसटीपी का निर्माण होगा।

योजना से दो हजार हेक्टेयर का क्षेत्र लाभान्वित होगा। एजेंसी को 10 सालों तक रखरखाव का जिम्मा दिया गया है।

बनने वाले नाले और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

- कल्याणी चौक से कलमबाग तक नाला।

- छाता चौक-दामू चौक होते हुए खबड़ा गांव तक फरदो नाला।

- कल्याणी चौक से बाबा गरीब नाथ मंदिर होते हुए मनिका मन तक नाला।

- मिठनपुरा चौक से औद्योगिक क्षेत्र होते हुए तिरहुत नहर तक नाला।

- भगवानपुर चौक से रेवा रोड होते हुए फरदो नदी तक नाला।

- मनिका मन, फरदो नाला के पास और तिरहुत नहर के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट।

योजना के पूरा होने पर समस्या से मिलेगी निजात

कार्यपालक अभियंता सुरेश कुमार सिन्हा कहते हैं कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। मणिका मन के पास एसटीपी निर्माण को लेकर जमीन विवाद के कारण काम बाधित हुआ। मिठनपुरा से नाला निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। योजना के पूरा होने पर जलजमाव की समस्या से निजात मिलेगी। 


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