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मच्छरों से FIGHT में हारा मुजफ्फरपुर नगर निगम, ढाई साल से मार रहा मक्खी... Muzaffarpur News

पांच लाख शहरवासियों का खून पी रहे हैं मच्छर मक्खी मार रहा निगम। मच्छरों से मुक्ति का वादा भूल गए निगम के वार्ड पार्षद। सिर्फ कागज पर चलता है मच्छर उन्मूलन अभियान।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 09:04 AM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 09:04 AM (IST)
मच्छरों से FIGHT में हारा मुजफ्फरपुर नगर निगम, ढाई साल से मार रहा मक्खी... Muzaffarpur News
मच्छरों से FIGHT में हारा मुजफ्फरपुर नगर निगम, ढाई साल से मार रहा मक्खी... Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया कि शहरवासियों का जीना मुहाल हो गया है। दिन हो या रात, मच्छर पांच लाख शहरवासियों का खून पी रहे हैं। उनसे मुक्ति दिलाने का जिम्मा नगर निगम पर है, लेकिन निगम मच्छरों को मारने की जगह मक्खी मार रहा है और मच्छरों से मुक्ति दिलाने का वादा कर कुर्सी पाने वाले पार्षद अपना वादा भूल गए। 

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 मच्छर उन्मूलन अभियान के लिए खरीदी गई फॉगिंग मशीन शोभा की वस्तु बन गई है। वर्तमान नगर निगम बोर्ड के गठन और महापौर-उपमहापौर के कुर्सी पर बैठे ढाई साल हो चुके हैं। लेकिन, वे एक मच्छर तक नहीं मार सके हैं। 

मच्छरों के दंश से बीमार हो रहे शहरवासी 

मच्छरों की काट से शहर एवं उसके आसपास रहने वाले लाखों लोगों की नींद हराम हो चुकी है। पहले रात में उनका दंश झेलना पड़ता था, लेकिन अब दिन में भी चैन नहीं। वे न सिर्फ शहरवासियों की नींद उड़ा रहे हैं, बल्कि मलेरिया, कालाजार, डेंगू , जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रामक रोगों का शिकार लोगों को बना रहे हैं। 

कागज पर अभियान, फॉगिंग मशीन बीमार 

मच्छरों पर नियंत्रण के लिए निगम द्वारा तीन साल पूर्व तीस लाख खर्च कर पांच आधुनिक फॉगिंग मशीन की खरीद की गई। स्टाक में इंट्री के बाद उनमें से दो लौटा दी गई। मशीनों को ढोने के लिए तीन ई-रिक्शा भी खरीदा गया। पिछले तीन साल में आधा दर्जन बार आधा-अधूरा अभियान चला। अब मशीन बीमार है, एक या दो दिन चलने पर खराब हो जाती है।

इलाज व वैकल्पिक उपायों पर कट रही जेब 

मच्छरों के दंश से शहरवासी  मलेरिया, डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। कई  जान तक गंवा रहे हैं। बीमार होने पर इलाज के लिए लोगों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है। वहीं, मच्छरों से बचने की वैकल्पिक व्यवस्था अर्थात साधनों पर भी जेब ढीली करनी पड़ती है। पर, इससे निगम प्रशासन को क्या लेना-देना। उसे तो बस जनता से टैक्स वसूली तक मतलब है। जनता बीमार हो या उनकी जान जाए, उसे कोई मतलब नहीं। 

  इस बारे में महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। फॉगिंग अभियान चलाने को वे नगर आयुक्त को पूर्व में ही निर्देश दे चुके है। उपलब्ध संसाधनों को अभियान में लगाया जाएगा ताकि मच्छरों का नियंत्रण हो सके।


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