Muzaffarpur: 40 हजार लेकर शव देने से किया इन्कार, सीएस के सामने रोने लगे मरीज के स्वजन
Muzaffapur News निजी अस्पतालों की बेरोकटोक मनमानी जारी मरीज से वसूल रहे हैं इलाज के नाम पर रुपये। आइसीयू व ऑक्सीजन देने के नाम पर मोटी रकम वसूलने की शिकायत पर निजी अस्पतालों में तैनात किए गए मजिस्ट्रेट।
By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 12:34 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सर मेरे मरीज की मौत हो गई है...। शव नहीं मिल रहा है। 40 हजार की राशि मांगी जा रही है। रिपोर्ट नहीं बताई जा रही है। इतना कहकर एक स्वजन रोने लगा। सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने इस घटना की सूचना देते हुए खुद भावुक हुए। कहा कि पीडि़त मानवता की सेवा में पैसा को लेकर कचकच नहीं होनी चाहिए। बताया कि उनके हस्तक्षेप के बाद शव मिला।
अघोरिया बाजार इलाके के एक वृद्ध के बीमार होने पर शुक्रवार को उन्हें स्वजनों ने शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। भर्ती के समय अस्पताल ने पहले ही एक लाख रुपये जमा कराने को कहा गया। स्वजनों ने इतने रुपये नहीं होने की बात कही तो इलाज करने से मना कर दिया गया। बाद में किसी तरह स्वजन ने 40 हजार रुपये जमा करवाए। इसके बाद इलाज शुरू किया गया। दो दिन बाद इलाजरत वृद्ध की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना से मौत होने की बात कह कर 40 हजार रुपये और देने की मांग की। रुपये नहीं देने पर अस्पताल ने शव देने से इन्कार कर दिया। स्वजन ने अस्पताल प्रबंधन से जब कोरोना पॉजिटिव होने से मौत होने की रिपोर्ट मांगी तो उसे भी देने से इन्कार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन से स्वजन शव देने के लिए विनती करते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसपर मृतक के स्वजन ने एक रिश्तेदार को इसकी जानकारी देते हुए रुपये लेकर अस्पताल पहुंचने को कहा। रिश्तेदार ने सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी। सीएस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन से बात की और बिना शर्त शव देने का निर्देश दिया। उनके निर्देश के बाद स्वजन को अस्पताल प्रबंधन ने शव सौंपा।
सिविल सर्जन ने बताया कि निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं। इसकी मॉनीटङ्क्षरग के लिए प्रत्येक अस्पताल में एक-एक मजिस्ट्रेट व चिकित्सक को तैनात किया गया है। इलाज में आने वाले खर्च का ब्योरा भी प्रतिदिन अस्पताल को एक फॉर्मेट में बनाकर देने को कहा गया है। भविष्य में यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो अस्पताल का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। साथ ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पूरे घटनाक्रम की जांच करा होगी कार्रवाई
सीएस ने बताया कि उक्त मामले की जांच कराई जा रही है। मामला सही पाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सात निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें मरीज से मनमाने रुपये वसूलने की शिकायतें लगातार आ रही हैैं। आइसीयू में रखकर ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक उपचार के नाम पर मोटी रकम वसूलने की शिकायत मिलती रहती हैं। हालांकि इस संबंध में मरीज के स्वजन या अन्य सिविल सर्जन या जिला प्रशासन से कोई शिकायत नहीं की है। सीएस ने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर जांच कर अस्पताल का लाइसेंस रद किया जाएगा।
अगर आपको कहीं इलाज, दवा और फीस को लेकर परेशानी है तो दैनिक जागरण के मोबाइल नंबर 9431270044 पर बताएं। आपकी समस्या को वरीय अधिकारी तक पहुंचाकर निदान की पहल होगी।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें