मुजफ्फरपुर के किसानों को चार दशक बाद भी नहीं मिला मुआवजा
चांदपरना के 105 किसानों की 9.69 एकड़ भूमि का अधिग्रहण जल संसाधन विभाग द्वारा 1982-83 में किया गया लेकिन 40 वर्षों बाद भी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिला। कार्यपालक अभियंता पर धक्के मारकर अपने कक्ष से निकालने का आरोप 11 से करेंगे अनशन।
मुजफ्फरपुर, जासं। मीनापुर प्रखंड क्षेत्र की चांदपरना पंचायत के किसान अपने अधिग्रहित भूमि के मुआवजे और कार्यपालक अभियंता के दुव्र्यवहार के खिलाफ 11 फरवरी से अघोरिया बाजार स्थित जल संसाधन विभाग के कार्यालय पर अनशन करेंगे।
इस संबंध में किसान अनिल कुमार के नेतृत्व में पीडि़त किसानों ने डीएम, एसएसपी और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को लिखित सूचना दे दी है। बताते चलें कि चांदपरना के 105 किसानों की 9.69 एकड़ भूमि का अधिग्रहण जल संसाधन विभाग द्वारा 1982-83 में किया गया, लेकिन 40 वर्षों बाद भी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिला। सात वर्ष पूर्व जब किसानों ने मुआवजे हेतु सीएम के जनता दरबार में गुहार लगाई तो भुगतान का आदेश जारी हो गया, परंतु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की कानों में जंू तक नहीं रेंगी।
थक हार कर किसानों ने बिहार लोक शिकायत निवारण न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। वहां से भी किसानों का मुआवजा भुगतान करने का आदेश जारी हुआ, परंतु इससे भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा दर्जनों बार डीएम व प्रमंडलीय आयुक्त से मिलकर आवेदन सौंपा गया, लेकिन आदेश बेअसर रहा। जल संसाधन विभाग के पूर्व मंत्री संजय झा एवं पूर्व प्रधान सचिव संजीव हंस से भी मुलाकात बेअसर रहा। वर्ष 2019 के दिसंबर में जल संसाधन विभाग के स्थानीय कार्यालय के समक्ष किसानों ने धरना दिया। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार चौरसिया ने छह माह में मुआवजा का भुगतान करने का लिखित आश्वासन देकर धरने को समाप्त करा दिया। लेकिन, आश्वासन के भी डेढ़ वर्ष बीत गए। आज भी किसान अपनी भूमि का लगान भर रहे हैं और भूमि का इस्तेमाल जल संसाधन विभाग कर रहा है। किसानों ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता नीरज कुमार पर कार्यालय से धक्का मारकर निकलवाने का आरोप लगाया।
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