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सदर अस्पताल के प्रबंधक पर क्यों ना हो प्राथमिकी... मुजफ्फरपुर के डीएम अव्यवस्था देख क्षुब्ध

एक्स रे व जांच सेंटर के पांच कमरे पर अवैध कब्जा गंदगी के बीच लटके दिखे विद्युत तार। मरीज व उनके स्वजन कभी भी हादसे के शिकार हो सकते हैं। जिलाधिकारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण। उपाधीक्षक वार्ड इंचार्ज व प्रबंधक का वेतन बंद कर दिया गया है।

By Amrendra TiwariEdited By: Ajit kumarPublished: Wed, 28 Sep 2022 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 08:41 AM (IST)
सदर अस्पताल के प्रबंधक पर क्यों ना हो प्राथमिकी... मुजफ्फरपुर के डीएम अव्यवस्था देख क्षुब्ध
वार्ड व बेड की हालत पर भी डीएम ने असंतोष प्रकट किया। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल की अव्यवस्था एवं कुप्रबंधन से मंगलवार को जिलाधिकारी प्रणव कुमार भी दो-चार हुए। इमरजेंसी से लेकर वार्ड, जांच केंद्र व परिसर का निरीक्षण किया। पैथोलाजी केंद्र पर मरीजों की लंबी कतार व धक्का-मुक्की देखकर ठहरे। वहां पर एक्स रे व जांच सेंटर के पांच कमरे पर अवैध कब्जा देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था। कमरे बंद थे। गंदगी के बीच विद्युत तार लटके थे। पैथोलाजी जांच केंद्र पर मेडिकल कचरा रखने के लिए डस्टबिन नहीं था।

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बोले, सिविल सर्जन साहेब इस कुव्यवस्था के लिए सदर अस्पताल के प्रबंधक पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई जाए। ऐसी कुव्यवस्था से मरीज मार-पिटाई नहीं कर रहा, यह बड़ी बात है। वहां पर विद्युत तार के संजाल पर कहा, प्रबंधक साहब थोड़ी शर्म करिए। अगर कोई मरीज गलती से करंट की चपेट में आ जाए, तब क्या होगा। इस तरह से जब मेल वार्ड में गए तो वहां पर एक रंग की चादर के बदले चार रंग की चादर दिखी। बेड पर गंदगी थी। इस तरह से वह पूरे परिसर में कुव्यवस्था को देख काफी नाराज हुए। इमरजेंसी को देखकर कहा कि इसकी हालत तो खुद आइसीयू वाली है। एनआरसी में बच्चों के इलाज की जानकारी ली और गिफ्ट पैकेट का वितरण किया। जिलाधिकारी ने उपाधीक्षक, अस्पताल प्रबंधक व वार्ड इंचार्ज एएनएम पर प्रपत्र क गठित करने तथा वेतन बंद करने का आदेश दिया। निरीक्षण के समय सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा, एसीएमओ डा.एसपी सिंह, उपाधीक्षक डा. एनके चौधरी, प्रबंधक प्रवीण कुमार, प्रभारी अधीक्षक डा.सतीश कुमार, डा.सीके दास, केयर इंडिया के सौरभ तिवारी आदि मौजूद रहे।

एनसीडी सेल में दिखा होली मिलन का पोस्टर

एनसीडी सेल(गैर संचारी रोग विभाग) के निरीक्षण के कमरा को खोला गया। वहां होली मिलन का पोस्टर दिखा। उस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह पोस्टर अभी तो उतार दीजिए। मीटिंग हाल बंद था। बेतरतीब आलमीरा को व्यवस्थित करने व कार्यालय के सारे कमरे को अपने अधीन लेने का फरमान जारी किया। व्यवस्था में सुधार के लिए एक सप्ताह का समय दिया।

सुधार के लिए दिए गए टास्क

- मातृ-शिशु सदन में महिला वार्ड, एसएनसीयू को एक साथ किया जाए ताकि मरीज का समुचित उपचार हो सके।

- औषधि विभाग के महिला व पुरुष मरीज को मेल वार्ड के साथ ही अलग-अलग कमरे में रखा जाए।

- महिला मरीजों के उपचार के लिए एमसीएच व जनरल में दो जगहों पर चल रही व्यवस्था को एक स्थान पर किया जाएगा। इससे मानवबल का दुरुपयोग नहीं होगा।

- एनआरसी में आने वाली महिलाओं के कपड़ा सूखाने, स्नानागार व बच्चों के खेलने की व्यवस्था रहे।

- निबंधन काउंटर व आउटडोर के साथ रखा जाए। मुख्य द्वार पर सुरक्षा गार्ड के अलग शेड रहे।

- इमरजेंसी व आपरेशन थियेटर को एक सप्ताह के अंदर अपग्रेड कर ओटी टेबल व अन्य जरूरी उपस्कर लगाएं।

- इमरजेंसी और हड्डी विभाग के ओपीडी को अलग किया जाए। आन काल सर्जन व विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहें।

-अस्पताल परिसर स्थित मंदिर के बगल में, एसएनसीयू के पास व मेल वार्ड के पीछे पार्किंग स्थल बनाया जाए।

- सफाई एजेंसी परिसर से नियमित घास हटाती रहे।


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