Move to Jagran APP

यात्रियों से ठगी व लूटपाट रोकने के लिए मुजफ्फरपुर के आटो की होगी कोडिंग

आटो के रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग यह कोड होगा। इसे आटो के आगे व पीछे मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा जाएगा। इसमें चालक और मालिक का मोबाइल नंबर भी अंकित होगा। आटो में बैठने वाले यात्रियों को यह साफ-साफ दिखाई देगा। यह आटो की खास पहचान होगी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 06:29 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 06:29 AM (IST)
आटो का कोई रिकार्ड नहीं होने से पहचान के लिए डीटीओ आफिस का लेना होता सहारा। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। यात्रियों से ठगी व लूटपाट की घटना को रोकने के लिए आटो की कोडिंग की जाएगी। यह ठगी व लूटपाट आटो में की जाती है। अब आटो के रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग यह कोड होगा। इसे आटो के आगे व पीछे मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा जाएगा। इसमें चालक और मालिक का मोबाइल नंबर भी अंकित होगा। आटो में बैठने वाले यात्रियों को यह साफ-साफ दिखाई देगा। यह आटो की खास पहचान होगी। इसी नंबर के आधार पर पुलिस उसकी निगरानी करेगी। फिलहाल यह कोड सदर थाना पुलिस की ओर से जारी की जाएगी। 

loksabha election banner

इसको लेकर सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मिश्रा की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें सदर थाना क्षेत्र के स्टैंड से खुलने वाली सभी आटो को कोड देने का प्रस्ताव है। सदर थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रस्ताव को वरीय अधिकारी के पास भेजा जाएगा। उनकी अनुमति मिलने के बाद थाना से आटो के लिए कोड जारी किया जाएगा। इसका फार्मेट भी आटो चालकों और मालिकों के बीच वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सदर थाना क्षेत्र में तीन आटो स्टैंड है। जहां से प्रतिदिन विभिन्न रूटों में एक हजार से अधिक आटो का परिचालन होता है। इसमें किसी आटो का रिकार्ड थाना में नहीं है। जब कोई आपराधिक घटना घटती है तो जानकारी लेने के लिए डीटीओ कार्यालय का सहारा लेना होता है। इसमें अनावश्यक देरी होती है। इससे बदमाशों की पहचान में पुलिस को परेशानी का सामना करना होता है। जब तक पहचान नहीं होती बदमाश व ठग पुलिस की पकड़ से बाहर होता है। आटो कोड से पुलिस को बदमाशों तक जल्द पहुंचने में मदद मिलेगी।

सामान्य दिनों के अलावा पर्व के अवसर पर घर लौटने वाले को मिलेगी सुरक्षा

दशहरा, दीवाली व छठ का पर्व आने वाला है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग बाहर से अपने घर आते हैं। लूटपाट, ठगी व नशा खुरानी गिरोह के बदमाश गिरोह भी खास तौर पर सक्रिय रहते हैं। कई आटो चालक की भी गिरोह से संलिप्तता रहती है। ये झांसा देकर बाहर से आए यात्रियों को आटो में बैठा लेते हैं। सुनसान जगह पर ले जाकर लूटपाट करते हैं। आटो पर सवार यात्रियों की पाकेटमारी, बैग या झोला को ब्लेड से काटकर रुपये उड़ा लेते हैं। उनकी मोबाइल गायब कर देते हैं। नशाखुरानी गिरोह के शामिल बदमाश झांसा देकर यात्रियों को नशा खिलाकर बेहोश कर उनका सामान लूट लेते हैं। कोड से यात्री भी आसानी से आटो की पहचान पुलिस को बता सकते हैं। इससे गिरोह पर शिकंजा कसने में आसानी होगी और यात्रियों को सुरक्षा मिलेगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.