दहेज के लिए कर दी थी विवाहिता की हत्या, पति को सात साल कैद की सजा
दहेज में 40 हजार रुपये की मांग को लेकर लाठी-डंडे से पीट-पीट व बरछी से प्रहार कर हत्या करके लाश को छिपाने के मामले में पति को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
मुजफ्फरपुर । दहेज में 40 हजार रुपये की मांग को लेकर लाठी-डंडे से पीट-पीट व बरछी से प्रहार कर हत्या करके लाश को छिपाने के मामले में पति को सात साल कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे 20 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। सजा पाने वाला मीनापुर थाने के पुरैनिया गांव का रामसूरत सहनी है। दो साल पहले के इस मामले के सत्र -विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 मनोज कुमार ने उसे दोषी पाते हुए सजा सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट के समक्ष सात गवाह पेश किए गए।
हत्या के बाद नदी किनारे गड्ढा खोद दफना दी थी लाश : घटना छह अगस्त 2016 की है। पूर्वी चंपारण जिला के राजेपुर थाने के इस्मैला गांव के रामईश्वर सहनी ने सात अगस्त को मीनापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें पुरैनिया गांव के रामसूरत सहनी सहित पांच को आरोपित बनाया था। प्राथमिकी में कहा कि उसकी पुत्री बबीता की शादी पुरैनिया गांव के रामसूरत सहनी के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों के बाद ही उसकी ससुरालवाले तिलक-दहेज के रूप में 40 हजार रुपये की मांग करने लगे। यह राशि देने में असमर्थता जताने पर उन लोगों ने बबीता को घर से निकाल दिया। बाद में सामाजिक स्तर पर पहल व समझौता के आधार पर उसे ससुराल ले जाया गया। छह अगस्त 2016 की रात उसे लाठी-डंडे से पीटकर व बरछी के प्रहार से हत्या कर दी गई। साक्ष्य छिपाने के लिए उसकी लाश को झिटकहियां गांव की सीमा से सटी नदी के किनारे पहले के गड्ढा में दूसरा गड्ढा खोदकर दफना दिया। उसके ऊपर मिट्टी व खरपतवार डाल दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गड्ढा खोदकर लाश को बरामद किया। अनुसंधान के बाद पुलिस ने 30 नवंबर 2016 को रामसूरत सहनी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसमें अन्य आरापितों के विरुद्ध अनुसंधान जारी रहने की बात बताई गई थी।