Eastchamparan News: अपराधियों की गोली से घायल बंजरिया के मुखिया छबीला सिंह की पटना में मौत
1 जुलाई को अपराधियों की गोली से हुए घायल। अरेराज के झखरा स्थित पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार। एकलौते पुत्र ने दी मुखाग्नि पैतृक गांव झखरा व अंबिका नगर में शोक।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। अपराधियों की गोली से घायल बंजरिया पंचायत के मुखिया कुंवर सिंह उर्फ छबीला ङ्क्षसह (48) ने आखिरकार 25 दिनों बाद शनिवार की देर रात पटना के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एक जुलाई को उन्हें बापूधाम मोतिहारी स्टेशन के रैक प्वाइंट के पास अपराधियों ने गोली मार दी थी। उनका पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से मोतिहारी स्थित अंबिकानगर आवास पर तीन बजे सुबह में पहुंचा। उसके बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गया।
गोविंदगंज के झखरा गांव में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र मुकुल ने मुखाग्नि दी। यहां बता दें कि अपराधियों की गोली उनके पेट के निचले हिस्से किडनी के पास लगी थी। शहर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के बाद बेहतर चिकित्सा के लिए उन्हें पटना के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। सदर अस्पताल में शव पहुचते हीं उनके समर्थकों व परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। मुखिया संघ ने इस घटना को लेकर तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है।
क्या है घटनाक्रम
- 01 जुलाई : चंचल बाबा के मठ के पास शाम को दो बाइक से आए अपराधियों ने गोली मारी। शहर के एक निजी नर्सिंग होम में कराया गया भर्ती।
- 04 जुलाई : छोटे भाई राजेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई। दर्ज प्राथमिकी में राजन सहनी, लक्ष्मी सहनी, प्रभु सहनी, ओमप्रकाश सहनी, संजय कुमार व मंजय कुमार सहित छह व्यक्ति आरोपित ।
- 05 जुलाई : पुलिस ने ओमप्रकाश सहनी व मंजय कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा। उसके बाद से कोई गिरफ्तारी नहीं।
- 25 जुलाई : देर रात पटना के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस।
- 26 जुलाई : पैतृक गांव अरेराज के झखरा में हुआ अंतिम संस्कार।
वर्ष 2016 में पहली बार मुखिया बने थे छबीला सिंह
छबीला सिंह ने अपने व्यवहार से काफी कम उम्र में ही ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर ली थी। वे इलाके में गरीबों व कमजोर लोगों की मदद में सदैव तत्पर रहते थे। वे वर्ष 2016 में मुखिया का चुनाव जीते। इससे पूर्व भी वर्ष 2011 में उनकी पत्नी सीता देवी चुनाव मैदान में आई थी। मगर, उन्हें मामूली मतों से हारना पड़ा। इस बार वे खुद मैदान में उतरे और विजयी हुए। व्यवहार से मृदुभाषी मुखिया कुंवर ङ्क्षसह छबीला ङ्क्षसह के नाम से जाने जाते थे। उनकी शादी 1995 में चिरैया में हुई थी।
वे अपने पीछे पत्नी के अलावा एक पुत्र व एक पुत्री को छोड़ गए हैं। उसकी पुत्री बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रही है, जबकि पुत्र बारहवीम का छात्र है। पांच भाइयों में मुखिया सबसे बड़े थे। इनके पिता स्व. रामायण सिंह भी सात भाई थे। इस प्रकार एक लंबा-चौङा परिवार था इनका। उनकी हत्या पर जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष कुमार मनोज सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब जनप्रतिनिधियों की जान नहीं बच रही है तो आम-आवाम की हालत क्या होगी।
प्रशासन अविलंब हत्यारों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। वहीं मुखिया अभय शर्मा, अरविन्द्र सिंह, श्रीनरायण प्रसाद, मुनानी शर्मा, महम्मद जकीरूल्लाह, सीबी सिंह, रिंकू शुक्ला, बच्चूलाल राय, अंगद चौरसिया व गौरी राम के अलावे जद यू नेता सुनील सिंह ने हत्या की निंदा की है व हत्यारोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है।