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देखरेख के अभाव में सूख गए अधिकांश तालाब-पोखर Muzaffarpur News

पोखरों के जीर्णोद्धार को सरकार चिंतित। मनरेगा योजना से कराया जाएगा पोखरों का जीर्णोद्धार। मड़वन प्रखंड क्षेत्र में 41 सरकारी व 16 निजी पोखर अवस्थित है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 09:18 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 09:18 AM (IST)
देखरेख के अभाव में सूख गए अधिकांश तालाब-पोखर Muzaffarpur News
देखरेख के अभाव में सूख गए अधिकांश तालाब-पोखर Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के मड़वन प्रखंड क्षेत्र में 41 सरकारी व 16 निजी पोखर अवस्थित है। रखरखाव व सुविधा के अभाव में एक दो को छोड़ अधिकतर सूख चुके हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि इन पोखरों में पंछियों के पीने तक का पानी नहीं है। पोखर खेल का मैदान बन चुके हैं या फिर उपेक्षित पड़े हैं। लोगों का कहना है कि पोखरों के जीर्णोद्धार के लिए अबतक कोई पहल नहीं हुई। अगर इनका जीर्णोद्धार हो जाता व पानी की व्यवस्था होती तो क्षेत्र में पानी का लेयर बना रहता। साथ ही मत्स्यपालन कर सैकड़ों लोग अपना जीविकोपार्जन करते।

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  शुभंकरपुर के विजय कुमार, विनोद राय, रौतिनिया के अंकेश कुमार, मड़वन के पासपत साह, मनोज कुमार सिंह, दिनेश सिंह, रामनंदन सहनी, करजा के शिवजी सहनी, संजय साहनी आदि का कहना है कि अबतक पोखरों के जीर्णोद्धार के लिए न सरकारी स्तर पर किसी तरह की पहल हुई और न प्रशासनिक स्तर पर। इन पोखरों में जनप्रतिनिधियों के स्तर से केवल सीढ़ी घाट बनवाई गई। लोगों का कहना था कि अगर इनकी उड़ाही करा दी जाती व सालों भर पानी के लिए बिजली चालित मोटर लगा दिए जाते तो पोखर आज भी अपने पुराने अस्तित्व को कायम रखते।

   इससे एकतरफ जहां क्षेत्र में पानी का लेयर बना रहता। वहीं आसानी से मत्स्य पालन किया जा सकता था। मगर, प्रशासनिक उदासीनता के कारण ये सभी पोखर उपेक्षित पड़े हैं। इस संबंध में मत्स्यजीवी सहयोग समिति के अध्यक्ष शिवजी सहनी बताते हैं कि पोखर में पानी नहीं रहने के कारण मछुआरों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। उनके रोजगार पर आफत आ गई है। उन्होंने बताया कि पोखर में मोटर लगाने के लिए कई बार विभागीय स्तर पर लिखा जा चुका है, मगर अबतक इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुए।

   प्रखंड प्रमुख शबाना खातून ने बताया कि पीओ की उदासीनता के कारण मनरेगा योजना से पोखर का जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है। अगर कहीं काम हुआ भी तो लूटखसोट की भेंट चढ़ गया। पीओ के साथ बैठक कर इसे प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा। बीडीओ अरशद रजा खान ने बताया कि पोखरों का जीर्णोद्धार मनरेगा योजना से किया जाना है।

  हम पीओ के साथ बैठक कर इसे प्राथमिकता के आधार पर कराने का प्रयास करेंगे। विधायक अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार घट रहे पानी के लेयर व सूख रहे पोखर के लिए काफी चिंतित है। 13 जुलाई को पोखर के जीर्णोद्धार व उसमें पानी की व्यवस्था के लिए सदन में चर्चा के लिए विधायकों की बैठक बुलाई गई है, जिसपर योजना तैयार की जाएगी।


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