हरियाली के लिए लगाए गए 20 लाख से अधिक पौधे, इमारती व छायादार पेड़ों पर विभाग का रहा जोर
अर्जुन मोहगनी आंवला और कटहल के लगे अधिक पौधे। पीपल कदंब आम और बरगद रहे उपेक्षित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हरियाली से धरा पर खुशहाली लाने के लिए वन विभाग ने तीन वर्ष में करीब 20 लाख 59 हजार पौधे लगाएं। इसमें इमारती लकड़ी व छायादार पेड़ों को तवज्जो दी गई। विभाग ने अर्जुन, करंज, मोहगनी, सेमल, शीशम, अमरूद, सागवान व गम्हार आदि पर जोर दिया। वहीं, पीपल, कदंब, आम व बरगद उपेक्षित रहे। हालांकि पौधारोपण में इसे शामिल जरूर किया गया, लेकिन इसकी संख्या काफी कम रही। इसके पीछे वन विभाग का तर्क है कि इन पौधों को लगाने का लोग विरोध करते हैं। इनकी जड़ें काफी दूर तक जाती हैं और उनसे नुकसान की संभावना रहती है।
पथतट योजना पर हुआ काम
2017 से 2019 तक विभाग ने पथतट योजना में 105810, नहर तट योजना में 149000, बांस गैबियन में 11300, छात्र पौधारोपण में 770, हर परिसर-हरा परिसर में 11510, कृषि वानिकी में 853920, पॉपुलर ईटीपी में 911069 एवं गंगा पौधारोपण में 16574 पौधे लगाए। हालांकि रख-रखाव के अभाव में करीब 15 से 20 फीसद बर्बाद भी हुए। वहीं एनएच-27 में 6.64 किमी में, एनएच-77 में 18.15 किमी में व एनएच-28 में 17.25 किमी में पौधारोपण हुआ। वन विभाग की स्थायी व अस्थायी पौधशालाओं में भी लाखों पौधे उगाए गए हैं। इनका उपयोग विभिन्न योजनाओं के तहत किया जाएगा।
जिले में लगेंगे 7 लाख 98 हजार पौधे
पर्यावरण संरक्षण को लेकर बिहार में इस वर्ष करीब 2.51 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत जिले में सात लाख 98 हजार 434 पौधे लगाए जाएंगे। लक्ष्य पूरा करने को लेकर जिले में पौधारोपण शुरू हो चुका है। अब तक 88 हजार 20 पौधे लगाए जा चुके हैं।
तीन वर्ष में 272 किमी में हुआ पौधारोपण
वन विभाग ने 2017 से 2019 तक पथ तट, नहर तट एवं छात्र पौधारोपण योजना के तहत 272 किमी में पौधे लगाए हैं। इसमें पथ तट में 132 किमी, नहर तट में 125 व छात्र पौधारोपण योजना के तहत 15 किमी में पौधे लगाए गए।
पर्यावरण संरक्षण गंभीर चुनौती
डीएफओ सुधीर कुमार कर्ण ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण गंभीर चुनौती है। अभियान चलाकर हरियाली को बढ़ावा देने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में पौधारोपण किया जा रहा है। वन विभाग विभिन्न योजनाओं के तहत बड़े पैमाने पर पौधे लगा रहा है। इसमें हर प्रजाति के पौधों को तवज्जो दी जा रही है।