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मिथिलेश एक साल में ही बन गया था सबजोनल कमांडर

छह साल पूर्व नक्सली कमांडर भास्कर के संपर्क में आने के बाद छोटे कद-काठी का मिथिलेश संगठन से जुड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 11:00 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 11:00 PM (IST)
मिथिलेश एक साल में ही बन गया था सबजोनल कमांडर

मुजफ्फरपुर। छह साल पूर्व नक्सली कमांडर भास्कर के संपर्क में आने के बाद छोटे कद-काठी का मिथिलेश संगठन से जुड़ गया। बहुत कम समय में चर्चित हो गया। प्रारंभिक सदस्य बनने के एक साल के अंदर वह भाकपा माओवादी तिरहुत सब जोनल कमेटी का कमांडर बन गया। शीर्ष नेताओं के इशारे पर मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी व मोतिहारी समेत अन्य इलाकों में वह लेवी वसूलने लगा। लेवी नहीं देने पर ईट भट्ठा, निर्माण कंपनी व अन्य जगहों पर कई विध्वंसक वारदातों को अंजाम देने लगा। एसएसपी ने कहा कि नक्सली वारदातों के साथ वह एक दर्जन से अधिक घटनाओं में शामिल रहा है। वाहन लूट की भी घटनाओं को भी अंजाम देता था। उसके द्वारा लूटे गए वाहन बरामद कर लिए गए हैं। हथौड़ी, बोचहां समेत कई थानों में मामले दर्ज : मिथिलेश के विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं। हथौड़ी में मई 2012 में आ‌र्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। बोचहां में मार्च 2104 में आ‌र्म्स एक्ट व 17 सीएलए (नक्सल) एक्ट के दो मामले हैं। जुलाई 2015 में फिर हथौड़ी थाने में आ‌र्म्स एक्ट का केस दर्ज हुआ। अभी हाल ही में एक अप्रैल 2018 को लूट के मामले में मिथिलेश पर केस दर्ज किया गया। सीतामढ़ी रुन्नीसैदपुर में जून 2018 में आ‌र्म्स एक्ट व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद फिर शिवहर के पीपराही में 15 जून को मिथिलेश पर आ‌र्म्स एक्ट व उत्पाद अधिनियम का मामला दर्ज किया गया। इनके अलावा आसपास के जिलों से भी संपर्क कर उसके विरुद्ध दर्ज मामलों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। तीन महीना पहले जेल से निकला था मिथिलेश : नक्सली मामले में गत साल जेल जाने के बाद करीब तीन महीने पूर्व वह जमानत पर जेल से बाहर आया। जेल से बाहर आने के बाद नए लड़कों को संगठन में जोड़कर नक्सली संगठन की आड़ में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा। गतिविधियों पर नजर नहीं रखने में नपे थे हथौड़ी थानेदार : मुख्यालय के आदेश के बाद भी जेल से निकलने वाले अपराधियों की गतिविधियों पर नजर नहीं रखना हथौड़ी थानेदार को महंगा पड़ा था। शिवहर के पीपराही में पुलिस पर फाय¨रग की घटना के बाद जब मामले की जांच की गई तो हथौड़ी थानेदार को दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जेल से निकलने के बाद भी हथौड़ी थानेदार ने नक्सली मिथिलेश की गतिविधियों पर नजर नहीं रखा। इसके बाद गत सप्ताह एसएसपी हरप्रीत कौर ने उसे निलंबित कर दिया था।

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