ठंड में मरीज फर्श पर रहने को मजबूर, ठिठुरकर रात बिताते स्वजन
मुजफ्फरपुर पछिया हवा के साथ बढ़ी कनकनी ने एसकेएमसीएच के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है।
मुजफ्फरपुर : पछिया हवा के साथ बढ़ी कनकनी ने एसकेएमसीएच के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। इमरजेंसी, मेटरनिटी , सामान्य वार्ड के कई मरीजों को इस ठंड में फर्श पर रहने की मजबूरी से जान आफत में है। इनके स्वजन भी ठिठुरकर रात बिताने को मजबूर हैं।
मरीजों के लिए पर्याप्त कंबल व स्वजनों के लिए परिसर में अलाव की व्यवस्था नजर नहीं आती। कक्ष परिचारिकाओं द्वारा गिने-चुने मरीजों को ही कंबल उपलब्ध कराया जाता है। वहीं दोपहर बाद भर्ती होने वाले अधिकांश मरीजों को एक दिन बाद ही कंबल मिलता है। भर्ती मरीजों के स्वजन भी झेलते पीड़ा : ठंडा से बचना मुश्किल हो रहा है। गांव में अलाव भी सहारा था। अस्पताल के वार्ड में पछिया हवा से कनकनी बढ़ी रहती है। उक्त बातें कक्ष में भर्ती मरीज के स्वजन राहुल कुमार, सोनी देवी, शंकर साह व अवधेश कुमार ने कहीं। ठंड से ठिठुरती सोनी देवी ने कहा 'रात से एगो कंबल मांगला पर न देलकई। चादर ओढ़ के रात काट लेली।' मरीजों के अनुपात में बेड कम : एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों के अनुपात में बेड की काफी कमी है। इस अस्पताल में 600 बेड की क्षमता है और अक्सर 900 से अधिक मरीज रहते हैं। इसके कारण कई मरीजों को फर्श पर रख इलाज किया जाता है। किस वार्ड में कितने हैं मरीज : मेटरनिटी वार्ड में 141, इमरजेंसी में 48, वार्ड-छह में68 ,सात में 76, 10 में 91 एवं 11 में 74 मरीज भर्ती हैं। जबकि एक वार्ड की क्षमता मात्र 36 बिस्तरों की ही है। इसके अतिरिक्त मरीजों को बरामदा पर बिस्तर एवं कक्ष में फर्श पर रख कर इलाज किया जाता है।
हालांकि हेल्थ मैनेजर राजीव रंजन ने बताया कि फर्श पर रहने वाले मरीजों को भी गद्दा, बेडशीट व कंबल उपलब्ध कराया जाता है।
------------- कोट : 'अस्पताल में भर्ती मरीजों को ठंड से बचाव के लिए बरामदे पर पर्दा लगाया गया है। वहीं कक्ष में भर्ती मरीजों को पर्याप्त कंबल देने के निर्देश कक्ष परिचारिकाओं को दिए गए हैं। कक्ष प्रभारी परिचारिकाओं को स्टॉक में पर्याप्त कंबल रखने का आदेश दिया गया है। मरीजों के स्वजनों के लिए परिसर में अलाव की व्यवस्था का आदेश दिया गया है।'
- डॉ. एसके शाही, अधीक्षक
एसकेएमसीएच