आदर्श दंपती खोजने एवं टीकाकरण सर्वे में रूचि नहीं, परिवार नियोजन अभियान पर पड़ रहा असर
दिल्ली एवं पटना को जा रही पुरानी सूची। समीक्षा में सामने आई बात। सिविल सर्जन ने दिया अल्टीमेटम। लापरवाह को चिन्हित कर होगी कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आदर्श दंपती खोजने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों की रूचि नहीं दिख रही है। यही हाल गर्भवती एवं शिशु के सर्वे अभियान का है। इसका असर परिवार नियोजन अभियान पर पड़ रहा है। हालत है कि ताजा सर्वे नहीं होने पर दो साल पुरानी रिपोर्ट राज्य व केंद्र मुख्यालय को भेजी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने नाराजगी जताते हुए सूची को अपडेट करने का निर्देश दिया।
कहीं नहीं हो रही सूचना अपडेट
विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आयी कि ज्यादातर पीएचसी में आदर्श व योग्य दंपती खोज योजना पर काम नहीं हो रहा है। गर्भस्थ शिशु व गर्भवती का भी सही से सर्वे नहीं हो रहा है। सही रिपोर्ट नहीं रहने से प्रजनन शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आरसीएच का क्रियान्वयन सही नहीं हो रहा है। गर्भवती व गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य का जिला में किसी पीएचसी से रिपोर्ट नहीं आने पर सीएस डॉ. शिवचंद्र भगत ने आपत्ति की।
उन्होंने कहा कि इस कारण सुरक्षित प्रसव अभियान को सही से लागू करने में परेशानी हो रही है।
सदर अस्पताल के डीआइसी भवन में सभी पीएचसी प्रभारियों व पीएचसी हेल्थ प्रबंधकों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में यह बात सामने आई कि केन्द्र सरकार की आपत्ति के बाद इस दिशा में काम शुरू हो गया है। लेकिन इसमें तेजी लाने की जरूरत है। इस दौरान सभी पीएचसी प्रभारियों व अन्य कर्मियों को योजना में सर्वे का काम करने के तरीकों को बताया गया।
सीएस ने कहा कि एएनएम, आशा इस अभियान में जुटे इसके लिए पीएचसी प्रभारियों को पहल करने की जरूरत है। जिला मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर प्रसाद ने योजना के सभी तकनीकी पक्षों को बताया। साथ ही दो दिनों में आदर्श दंपती की रिपोर्ट देने को कहा। कार्यक्रम संचालन प्रभारी डीसीएम राजकिरन कुमार ने किया।अभियान को लेकर जारी किया गया यह आदेश
अभियान को लेकर विभागीय स्तर पर कई आदेश जारी किया गया है जिसमें अब एक साल में दो बार एएनएम व आशा कार्यकर्ता सर्वे करेंगी। साथ ही सर्वे के लिए एएनएम का मोबाइल नंबर व आधार नंबर सभी पीएचसी को देना अनिवार्य होगा। हर सप्ताह टीकाकरण के दौरान सूची को अपटेड किया जाएगा। जनसख्ंया नियंत्रण के लिए जितने भी उपाय यानी टिकिया, इंजनेक्शन, कॉपर टी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो। इसके लिए वृहत पैमाने पर जागरूकता अभियान चले।