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मुजफ्फरपुर शहर के बहुत से काम अधूरे, अब जनप्रतिनिधियों से हिसाब मांगेगी जनता

नहीं मिली जलजमाव की समस्या से मुक्ति। पहली मार्च 2019 को किया गया था 183 करोड़ की जलनिकासी योजना का शिलान्यास नहीं हुआ तीन में से एक भी आउटलेट का निर्माण। बुडको को मिला है जलजमाव से मुक्ति दिलाने का काम दो साल में पूरा कर लेनी थी योजना।

By JagranEdited By: Ajit kumarPublished: Mon, 26 Sep 2022 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 08:37 AM (IST)
मुजफ्फरपुर शहर के बहुत से काम अधूरे, अब जनप्रतिनिधियों से हिसाब मांगेगी जनता
काम में देरी की वजह से भी शहर के लोग परेशान हो रहे हैं। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। एक-एक कर तीन साल बीत गए, लेकिन शहर को जलजमाव से मुक्त दिलाने का काम एक कदम भी नहीं चल पाया। पहली मार्च 2019 को 183 करोड़ की जलनिकासी योजना का शिलान्यास हुआ था। योजना के तहत शहर में जमा होने वाले वर्षा के पानी को निकालने के लिए तीन आउटलेट एवं एसटीपी का निर्माण होना था। तीन में एक भी आउटलेट एवं एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा नहीं पाया। शहरवासियों को आज भी जलजमाव की पीड़ा झेलनी पड़ रही है। जिस काम को दो साल में पूरा करना था उसका अब तक एक तिहाई काम भी पूरा नहीं हुआ। निगम सरकार ने कभी इस कार्य का संज्ञान नहीं लिया। इसलिए निकाय चुनाव में शहर की जनता जनप्रतिनिधियों से इसका हिसाब मांगेगी। 

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एक ही आउटलेट के निर्माण का कार्य चल रहा

तीन दशक से जलजमाव की पीड़ा झेल रहे शहर को राहत देने के लिए सरकार ने तीन साल पहले 183 करोड़ की जलनिकासी योजना को मंजूरी दी थी। सरकार ने योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी बिहार राज्य शहरी विकास निगम (बुडको) को दी थी। बुडको ने निविदा निकाल कार्य के लिए मेसर्स खिलाड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. एवं अन्नू इन्फ्रा कन्स्ट्रक्ट इंडिया प्रा.लि. का चयन किया। पहली मार्च 2019 को तत्कालीन नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने योजना का शिलान्यास किया था। योजना के तहत तीन आउटलेट एवं एसटीपी का निर्माण होना है लेकिन तीन साल बाद भी एक ही आउटलेट के निर्माण का कार्य चल रहा। शेष दो आउटलेट का काम कब शुरू होगा, यह बताने वाला कोई नहीं।

योजना के तहत 22.5 किमी नाला का होना है निर्माण

183 करोड़ की जलनिकासी योजना के तहत 22.5 किमी, जिसमें 5.68 किमी कवर्ड एवं 16.72 किमी खुले बड़े नाले का निर्माण होना है। साथ ही 21 कल्वर्ट का भी निर्माण होना है। तीन स्पेशल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण मनिकामन, फरदो नाला के निकट एवं तिरहुत नगर के निकट करना था। एक दशक तक उनके रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेवारी भी निर्माण एजेंसी की है।

तीन आउटलेट से निकलना है शहर का पानी

बारिश का पानी हो या लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी, शहर से बाहर निकलने के लिए योजना के तहत तीन आउटलेट का निर्माण होना है। कल्याणी चौक से कलमबाग-छाता, चौक-दामू चौक होते हुए खबड़ा गांव तक एक आउटलेट, कल्याणी चौक से बाबा गरीबनाथ मंदिर होते हुए मणिकामन तक दूसरा आउटलेट एवं मिठनपुरा चौक से औद्योगिक क्षेत्र होते हुए तिरहुत नहर तक तीसरे आउटलेट का निर्माण होना है, लेकिन वर्तमान में तीन साल से मिठनपुरा चौक से औद्योगिक क्षेत्र होते हुए तिरहुत नहर तक आउटलेट का निर्माण कार्य चल रहा है। शेष दो की अनदेखी की जा रही है।

नगर सचिव विवेक कुमार ने कहा कि योजना का काम बुडको को करना है। निगम काम में तेजी लाने को कह सकता है। कार्य में लापरवाही बरती जा रही है तो नगर विकास एवं आवास विभाग कार्रवाई करेगा। नई बाजार के रवि कपूर कहते हैं कि सरकार ने शहर का पानी निकालने के लिए 193 करोड़ दिया तो लगा कि अब जलजमाव का स्थायी समाधान हो जाएगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जनता इसके लिए जनप्रतिनिधियों से जवाब मांगेगी।  


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