बीएड में फेल विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय ने दी राहत, जानें परीक्षा बोर्ड की बैठक में क्या लिए गए निर्णय Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय। तीन सत्रों के फेल छात्रों की होगी विशेष परीक्षा। बहुचर्चित पैट का रिजल्ट अगले दो दिनों में होगा जारी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के एग्जामिनेशन बोर्ड की बैठक में छात्र हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जल्दी ही बीएड फाइनल में फेल हुए तीन सत्रों के एक हजार छात्रों की विशेष परीक्षा होगी। गुरुवार की बैठक में बोर्ड के सदस्य सचिव परीक्षा नियंत्रक प्रो. मनोज कुमार, डीन सीकेपी शाही, मो. मुस्तफा, डॉ. भरत सिंह व डॉ. ललन सिंह मौजूद थे। विशेष आमंत्रित सदस्य कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय, विधि पदाधिकारी मयंक कपिला मौजूद थे।
फेल छात्रों को उत्तीर्ण होने का मिलेगा मौका
बीएड के सत्र 2015 - 17, 2016 - 18 व 2017-19 में विभिन्न कॉलेजों में एक हजार छात्र थे, जो परीक्षा में फेल हो गए थे। उनका भविष्य अनिश्चित हुआ। ऐसे में गुरुवार को विवि नियमों का अवलोकन के बाद विचार विमर्श हुआ। निर्णय हुआ कि इन सभी छात्रों को एक मौका उत्तीर्ण होने के लिए दिया जाएगा। इसके लिए विशेष परीक्षा का आयोजन होगा।
पैट का आएगा रिजल्ट
दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट) का रिजल्ट था। इस संबंध में तमाम तकनीकी पहलुओं का अध्ययन कर अगले दो दिनों में रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया गया। शुक्रवार को ही देर शाम तक विवि के वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड होने की संभावना है, जो हर हाल में शनिवार को छात्र देख सकेंगे।
मोतिहारी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की संबद्धता समाप्त
तीसरा मोतिहारी रवींद्र प्रसाद मुखर्जी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की संबद्धता समाप्त कर दी गई है। हालांकि, वर्ष 2002 से 2008 तक कॉलेज की परीक्षा में गड़बड़ी हुई। 65 छात्रों की सूची विवि को मिली है, जिनके बदले दूसरे छात्रों ने परीक्षा दी थी। वास्तविक छात्रों को परीक्षा से वंचित रखा गया था। इस पर हाईकोर्ट में वाद दाखिल हुआ। वहां से विवि को ही मामला संदर्भित कर दिया गया था। इन छात्रों की भी विशेष परीक्षा होगी।
एम. फिल की लंबित परीक्षा का ट्रांजिट रेगुलेशन को सीनेट की बैठक के लिए अग्रसारित किया गया। सीनेट से मंजूरी के बाद राजभवन प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इस बारे में मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि 'छात्रों के अनिश्चित भविष्य को निश्चित करने का रास्ता बोर्ड के निर्णयों से हो गया है। विगत 10 सालों से छात्र परेशान थे। अब विशेष परीक्षा से उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।Ó