Bank Strike : दूसरे दिन भी लटक रहे ताले, सरकार की नीतियों के विरोध में लगाए जा रहे नारे Muzaffarpur News
Bank Strike बैंकों से लौट रहे लोग। झेलनी पड़ रही परेशानी। काम बिगडऩे से उदासी के साथ आक्रोश भी। जिले में दूसरे दिन करीब दो हजार करोड़ से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंकों में दूसरे दिन भी ताला लटका हुआ है। शहर से लेकर गांव तक के बैंक बंद हैं। जिले की 166 ग्रामीण, 13 अद्र्ध शहरी एवं 75 शहरी समेत 254 बैंक शाखाएं बंद हैं। बैंक बंद रहने से त्राहिमाम की स्थिति बनी है। लाखों लोगों के बैंक संबंधी काम नहीं हो सके। खासकर गरीब तबकों को काफी परेशानी हो रही है। जिले में दूसरे दिन करीब दो हजार करोड़ से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ।
एसबीआई के जोनल कार्यालय, इलाहाबाद बैंक के जोनल कार्यालय, बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत सभी बैंकों के समक्ष नारेबाजी की गई। केनरा बैंक के जुरन छपरा शाखा के समक्ष कमलेश कुमार, साजिद रसूल, संजय कुमार, बीके झा, शहनवाज आलम, अर्चना कुमारी, पूजा शर्मा आदि मौजूद हैं।
एटीएम भी खाली
हड़ताल की वजह से जिले के अधिकतर एटीएम भी बंद हैं। जहां रुपये थे वहां लंबी कतार लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे बुरा हाल है।
इसलिए आई हड़ताल की नौबत
आल इण्डिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डी एन त्रिवेदी ने बताया कि गुरुवार को द्विपक्षीय वेतन समझौता के प्रारंभ में आइबीए ने वेतन वृद्धि आॅफर को 13.50 फीसद करने अपनी सहमति दी, लेकिन यूनाइटेड फोरम इस पर सहमत नहीं हुआ। उसने हड़ताल वापस लेने से मना कर दिया। बाद में एक बार फिर आइबीए की ओर से 15 फीसद वेतन बढोतरी का आफर दिया गया। लेकिन, पांच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह और विशेष भत्ते को मूल वेतन में समायोजित करने से इंकार कर दिया गया। ऐसी स्थिति में वार्ता विफल हो गई और बैंक के सभी नौ यूनियनों के यूनाइटेड फोरम ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी।
ये काम हो रहे प्रभावित
- नहीं हो सका चेक का क्लियरिंग
- फंड ट्रांसफर हुआ प्रभावित
- एटीएम में नहीं डाले गए नोट
- बैंक में जमा नहीं हो सका कैश
- बैंक से नहीं हुई राशि की निकासी
- नहीं खुला खाता
- ड्राफ व बैंकर्स चेक भी नहीं बने