गरीब बच्चों को FREE शिक्षा देकर संवार रहे जिंदगी, राष्ट्रीय पुरस्कार से हो चुके सम्मानित Muzaffarpur News
कांटी के शेरना निवासी अवकाश प्राप्त शिक्षक जगन्नाथ साह आज भी दे रहे शिक्षा। सैकड़ों गरीब बच्चों को स्कूल ले जाकर पढ़ाया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पूरी जिंदगी जिन्होंने पढऩे और पढ़ाने में लगा दी। धन्य हैं, वे आज भी दर्जनों गरीब बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान कर उनकी जिंदगी संवार रहे हैं। हम बात कर रहे हैं, वैसे गुरु की जिन्होंने पूरी जिंदगी गरीब बच्चों की शिक्षा में लगा दी। कांटी प्रखंड के शेरना गांव के रहने वाले अवकाश प्राप्त शिक्षक जगन्नाथ साह राष्ट्रीय पुरस्कार तथा जिला स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किए गए। पांच सितंबर 2002 को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों सम्मान प्राप्त करने का मौका मिला।
14 मार्च 1962 को बोरवारा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में योगदान किया। गुरु बनने के बाद बच्चों को पढ़ाने की ऐसी ललक जगी कि फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। गांव से लेकर टोले तक के गरीब बच्चों को घर से बुलाकर स्कूल में पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया। खरिका मध्य विद्यालय में अनुसूचित जाति के बच्चों को बाइक से स्कूल पहुंचा कर उनका भविष्य संवारने का काम किया।
300 गरीब बच्चों को स्कूल से जोड़ा। उनके पढ़ाए हुए छात्र प्रधानमंत्री के सुरक्षा सचिव सहित डॉक्टर, इंजीनियर जैसे बड़े पदों पर सुशोभित हुए। इस बात की जानकारी जब प्रशासन को मिली तो तत्कालीन कमीश्नर एके विश्वास द्वारा उनको प्रोत्साहित किया जाने लगा। उनके हाथों वे पुरस्कृत किए गए। अभी अपने ही दरवाजे पर गरीब बच्चों को निश्शुल्क पढ़ाते हैं।