Move to Jagran APP

लीची क्लस्टर योजना का रास्ता साफ, मिलेंगे 15 करोड़ रुपये

एमएसएमइ के प्रस्ताव पर चार साल पूर्व लीची क्लस्टर प्लान को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 08:25 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 08:25 AM (IST)
लीची क्लस्टर योजना का रास्ता साफ, मिलेंगे 15 करोड़ रुपये

मुजफ्फरपुर। भौगोलिक संकेतक (जीआइ) टैगिंग के बाद सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम संस्थान (एमएसएमइ) द्वारा प्रस्तावित लीची क्लस्टर प्लान का रास्ता साफ हो गया। इसके तहत केंद्र सरकार से 15 करोड़ रुपये मिलेंगे। एमएसएमइ के प्रस्ताव पर चार साल पूर्व लीची क्लस्टर प्लान को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। क्लस्टर से आशय लीची उत्पादकों का एक संगठन, जिसमें कम से कम 20 किसानों का होना जरूरी है। इन किसानों का लीची क्लस्टर के रूप में पंजीयन होगा। तब आगे की योजना को गति मिलेगी।

loksabha election banner

ये होगा लाभ

लीची क्लस्टर के तहत एक सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना होगी। केंद्र सरकार से 15 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके लिए क्लस्टर अनिवार्य है। वहीं, राज्य सरकार से जमीन का आवंटन प्राप्त होगा। दरअसल, जीआइ टैगिंग में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में राज्य सरकार लीची उत्पादन व प्रोत्साहन के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इसलिए जमीन आवंटन की समस्या नहीं आएगी। सामान्य सुविधा केंद्र के तहत लीची उत्पादन के बाद उसे एक माह तक उपयोग में लाने के लिए विदेशी मशीन स्थापित की जाएगी। लीची प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी। साथ ही, बाजार उपलब्ध कराने के लिए ब्रांडिंग भी होगी।

लीची का वजन बढ़ाने व गुणवत्ता पर होगा रिसर्च

उत्तर बिहार के लीची उत्पादकों के लिए शाही लीची की मिठास को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए यह एक बड़ा अवसर मिला है। किसानों को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान संस्थान में लीची का वजन 30 ग्राम से अधिक तक बढ़ाने व गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर विश्व बाजार में अपनी उत्पाद की साख बना सकते। लीची की जीआइ टैगिंग के लिए प्रयास वर्ष 2012-13 से चल रहा था। लीची महोत्सव का आयोजन व जीआइ पर कार्यशाला का आयोजन इसी की कड़ी रही। अब किसानों को इस मौके का लाभ उठाने का अवसर है। संगठित होकर काम नहीं किया तो जीआइ बेअसर साबित होगा।'

डॉ. विशाल नाथ

निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर

अब लीची प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना पर भी जोर दिया जाएगा। ताकि, विश्व बाजार में शाही लीची के विभिन्न उत्पादों की गुणवत्ता की साख बन सके।'

रमेश कुमार यादव

सहायक निदेशक

एमएसएमई, मुजफ्फरपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.