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अत्याधुनिक मशीनों व चिकित्सकों की सेवा से नेत्र विभाग की लौट रही रोशनी

चिकित्सकों की उत्कृष्ट सेवा से मिल रहा लाभ। विभाग में मात्र एक सहायक व 11 सीनियर रेजिडेंट।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:19 PM (IST)
अत्याधुनिक मशीनों व चिकित्सकों की सेवा से नेत्र विभाग की लौट रही रोशनी
अत्याधुनिक मशीनों व चिकित्सकों की सेवा से नेत्र विभाग की लौट रही रोशनी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग में अत्याधुनिक मशीनें व उपकरणों और चिकित्सकों की उत्कृष्ट सेवा से मरीजों को लाभ मिलने लगा है। इससे इन दिनों असम व कोलकाता के मरीज भी यहां इलाज को पहुंचने लगे हैं। विगत सप्ताह नेत्र की बीमारी से परेशान कोलकाता की रेखा देवी इलाज को पहुंचीं। प्रभारी नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. बीएस झा के परामर्श के तहत उनकी माइनर शल्य क्रिया की गई। इसके बाद से उन्हें काफी लाभ है।

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 मालूम हो कि एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग में जांच व शल्य क्रिया को सभी अत्याधुनिक मशीनें करोड़ों रुपये की लागत से खरीदी गई हैं। इन मशीनों व उपकरणों से चिकित्सकों द्वारा मरीजों को मिल रही सेवा से विभाग पर मरीजों का विश्वास बढ़ा है। हालांकि विभाग में चिकित्सक व कर्मियों की कमी है। विभाग प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक विहीन है। विभाग सिर्फ एक सह प्राध्यापक एवं 11 सीनियर रेजिडेंट के बलबूते संचालित हो रहा है।

कितने पहुंचते हैं मरीज

नेत्र विभाग के ओपीडी में नित्यदिन 100 से 150 मरीज इलाज को पहुंचते हैं। इसमें प्रतिदिन तीन से चार मरीजों की शल्य क्रिया की जाती है।

कौन-कौन हैं मशीनें

नेत्र विभाग में माइक्रो स्कोप, फेको मशीन, किरेटो मीटर, ए एवं बी स्कैन, स्लीप लैंप, ऑटो रेफ मशीन, एनसीटी, स्पेकूलर माइक्रो स्कोप सहित अन्य कई मशीनें उपलब्ध हैं।

चिकित्सक व कर्मियों की कमी से बढ़ा रहता दबाव

हालांकि विभाग में चिकित्सक व कर्मियों के सृजित पदों के अनुपात में काफी कमी है। इससे कार्यरत चिकित्सकों पर मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर दबाव बढ़ा रहता है। 


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