Move to Jagran APP

शिवहर में दुष्‍कर्म के दोषी को उम्रकैद, लड़की के र‍िश्‍ते में चाचा लगने वाले ने क‍िया था गलत काम

Sheohar crimeअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो ख्याति सिंह ने सुनाई सजा। न्यायाधीश ने आरोपित पर लगाया एक लाख रुपये का जुर्माना। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर भोगनी होगी सह माह की अतिरिक्त सजा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 06:07 PM (IST)
दुष्‍कर्म के दोषी पर हुई कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

शिवहर, जासं। सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के 22 माह पुराने मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो ख्याति सिंह ने आरोपित को उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद शिवहर जिले के तरियानी थाना क्षेत्र के नरवारा गांव निवासी संजय पासवान को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने कह राशि नहीं अदा करने पर आरोपित को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। एडीजे प्रथम ख्याति सिंह ने धारा 376 एबी व 4.6 पाक्सो एक्ट के तहत उक्त सजा सुनाई है।

loksabha election banner

न्यायाधीश ने कहा कि, पीड़िता को सात लाख रुपये बतौर कंपनसेशन राशि मिलेगी। इसमें तीन लाख रुपये अंतरिम सहायता के रूप में मिल चुकी है। शेष चार लाख रुपया भी शीघ्र दिलाने की प्रक्रिया की जाएगी। जिससे पीड़िता की शिक्षा में सहयोग मिल सकेगा। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पाक्सो राजेश्वर कुमार ने पक्ष रखा। न्यायालय से इंसाफ मिलने पर बच्ची के माता-पिता ने अदालत के प्रति आभार जताया है। जिला अभियोजन पदाधिकारी पंकज पंजिकार ने बताया कि, तरियानी थाना क्षेत्र के एक गांव में 17 सितंबर 2020 की शाम विश्वकर्मा पूजा का प्रसाद लेकर अपने घर लौट रही सात वर्षीया बच्ची को और अधिक प्रसाद दिलाने का झांसा देकर नरवारा निवासी संजय पासवान पास स्थित लीची गाछी में ले गया था। जहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। बच्ची के शोर मचाने पर संजय पासवान फरार हो गया था। भागने के क्रम में बच्ची ने संजय पासवान को पहचान लिया था।

स्वजनों ने लहूलुहान अवस्था में बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से उसे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था। एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में पीड़िता कई दिनों तक आइसीयू में रही। घटना की बाबत पीड़िता की मां ने तरियानी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने ससमय अनुसंधान पूरा कर पर्याप्त साक्ष्य कोर्ट को उपलब्ध कराया था। वहीं ससमय गवाहों को उपस्थित कराया था। इसके आलोक में न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है। उधर, पीड़ित परिवार को कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की सहयोगी संस्था सवेरा स्वयंसेवी संगठन शिवहर के सचिव मोहन कुमार, अधिवक्ता देशबंधु शर्मा एवं सपोर्ट पर्सन संजीत कुमार ने न्याय दिलाने के लिए मदद की। पीड़ित परिवार को समय-समय पर कोर्ट तक पहुंचाने में भी सहायता की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.