जमीन हड़पने को लेकर हत्या के तीन दोषियों को आजीवन कारावास Muzaffarpur News
नशे की हालत में ले लिया पावर ऑफ अटर्नी रद कराने पर जहर खिला कर दी हत्या। पोस्टमार्टम हाउस में शव के साथ छेड़छाड़ का लगाया गया था आरोप।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। धोखे से पावर ऑफ अटार्नी बनवाने के विरोध पर हत्या करने के तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में कांटी थाना के छपरा गांव के वीरेंद्र कुमार उर्फ राजा, लसगरीपुर के रत्नेश्वर कुमार सिंह व टरमा सरमस्तपुर के मो.हाशिम शामिल हैं। तीनों को 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। मामले के सत्र-विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-पंचम एसके पांडेय ने तीनों को यह सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार पांडेय ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किया।
यह है मामला
घटना तीन मार्च 2011 की है। कांटी थाना के मधुबन गांव की मीरा देवी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उसके पति कामोद सिंह को कांटी थाना के छपरा स्थित ननिहाल में नवासा मिला था। ननिहाल में मिली जमीन की वे देखभाल करते थे। घटना से डेढ़ साल पहले कांटी थाना के छपरा गांव के रत्नेश कुमार सिंह ने उसके पति को बहला-फुसला कर शराब पिला दिया।
नशे की हालत में धोखाधड़ी करते हुए एक एकड़ 38 डिसमिल जमीन का पावर ऑफ अटार्नी अपने नाम करा लिया। कुछ दिन बाद इसी तरह तीन बीघा जमीन का पावर ऑफ अटार्नी अपने नाम करा लिया। इसकी जानकारी मिलने पर रत्नेश सिंह ने जमीन का कुछ हिस्सा अपने ससुर भरत प्रसाद शाही के नाम से रजिस्ट्री कर दी। पावर ऑफ अटार्नी को रद कराकर जब उसके पति लौट रहे थे तो आरोपितों ने रास्ते में पकड़ लिया और जहर खिला दिया। घर आने पर उन्हें बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान चार मार्च 2011 को मौत हो गई।
एक आरोपित के भाई पर लगाया था आरोप
मृतक के साला अजय कुमार सिंह ने एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस में शव के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। पुलिस के समक्ष दिए गए बयान में कहा था कि अस्पताल से सही-सलामत शव पोस्टमार्टम हाउस में बंद कराया गया था। अगले दिन जब शव को पोस्टमार्टम के लिए बाहर निकाला गया तो बाएं आंख का भौं कटा हुआ था और उससे खून निकल रहा था। उसने एसकेएमसीएच में कार्यरत एक आरोपित के भाई पर शव के साथ छेड़छाड़ कराने का आरोप लगाया था।