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काम न आया डीएम का आश्वासन, सूख गई धान की फसल

मैं प्राकृतिक संसाधनों की धनी और सरकारी उपेक्षा की शिकार पारू प्रखंड की विशुनपुर सरैया पंचायत बोल रही हूं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 06:43 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 06:43 AM (IST)
काम न आया डीएम का आश्वासन, सूख गई धान की फसल

मुजफ्फरपुर। मैं प्राकृतिक संसाधनों की धनी और सरकारी उपेक्षा की शिकार पारू प्रखंड की विशुनपुर सरैया पंचायत बोल रही हूं। चार पंचायतो के आशिक गावों को मिला कर हमारी बजूद बनी। तीन छोटी व बड़ी नदियों के बावजूद सरकारी उपेक्षा के कारण खेतों में लहलहाती फसलें पानी के अभाव में सूख जाती हैं और सरकारी राहत नदारद हो जाती है। आश्चर्य है कि बीते माह डीएम मो. सोहैल विशुनपुर सरैया पंचायत की विभिन्न सरकारी संस्थानों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो किसानों ने अपनी पीड़ा सुनाई। उनसे रहा नहीं गया और केशोपुर उपवितरणी का निरीक्षण कर खेतों में पानी पहुंचाने का आश्वासन दिया, मगर कुछ न हो सका और हजारों एकड़ में लगी धान की फसल सूख गई। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली की हालत ठीक नहीं होने से भविष्य अंधकार से संघर्ष कर रहा है। आवास योजना मे रिश्वतखोरी चरम पर है। राशन कार्ड से सैकड़ों गरीब वंचित हैं। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। इन समस्याओं को लोगों ने दैनिक जागरण द्वारा आयोजित चौपाल में उठाया। सत्यनारायण प्रसाद यादव ने बताया कि खाता संख्या 342 खेसरा 07, रकवा 54 डी का श्मशान घाट कागज पर है, मगर जमीन पर खोजे नहीं मिल रहा। इसी तरह खाता संख्या 337 और खेसरा 2449 रकवा 11 डी जमीन पर पुस्तकालय निर्मित है मगर इसकी खोज में लोग परेशान हैं। मो तौहीद के मुताबिक घरों के ऊपर से गुजरा बिजली का नंगा तार कभी भी किसी की जान ले सकती है। रामानंद राय ने कहा कि स्वास्थ्य उप केंद्र पर पदस्थापित एएनएम आती ही नहीं जिस कारण मरीजों को पारू जाने की मजबूरी बनी रहती है। वैशाली कैनाल केशोपुर उपवितरणी एवं महमदपुर उपवितरणी होने के बाद भी खेत सूखे हैं। बुढ़ानपुर गाव की एक बस्ती अतिक्रमण से कराह रही है। बिहार सरकार का आठ कटठा जमीन होने के बाद भी एक सामुदायिक भवन तक मयस्सर नहीं है। तीन महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें बैंक से जोड़े जाने के बाद से आजतक पेंशन राशि नहीं मिली। किसानों की चाहत है कि सरकार खेतों को बिजली से जोड़े ताकि किसान मोटर के सहारे सिचाई कर सकें। छह वार्डो मे नल जल योजना का कार्य अंतिम दौर में है।

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2001 में मोहजमा पंचायत से भोजपट्टी, नेकनामपुर से बुढानपुर, सरैया से सरैया का एक टोला और मिश्रौलिया तथा आनंदपुर खरौनी पंचायत से विशुनपुर सरैया पंचायत का निर्माण किया गया। तबसे तीन बार सुरेंद्र पटेल और उनकी पत्‍‌नी विभा कुमारी मुखिया रहीं। आज आरक्षित होने के बाद जगजीवन राम मुखिया हैं। बहरहाल पंचायत की उपमुखिया ने पद से इस्तीफा दे रखा है। उप मुखिया के चुनाव को लेकर घमासान मचा है।

एक नजर में पंचायत

आबादी - 20000

वोटर -6500

स्कूल - 06

हाईस्कूल - 01

आगनबाड़ी -07

जनवितरण - 04

स्वास्थ्य उपकेंद्र -01

कच्ची सड़क -07

सोलिंग सड़क -07

बेरोजगार -2000

सरकारी -109

चौपाल में हुए शामिल

रामानंद राय, सत्यनारायण प्रसाद यादव, रामपुकार भक्त, रामजन्म शर्मा, जोहा राय, बैद्यनाथ साह, जगमोहन राम, रामचंद्र राम, चंद्रदीप राम, लखींद्र राम, संजीत कुमार, सत्यनारायण राय, हीरा राम, दुर्गा राम, उपेंद्र राय, राकेश कुमार, सतीश प्रसाद सिंह, बसंत कुशवाहा, काला भगत, युगेश्वर प्रसाद, रामानंद पुकार महतो, भूटन राम, त्रिभुवन राम, शैलेंद्र राम, सुरेश पासवान, सुरेंद्र पासवान, मो जौहाद , चंदन कुमार, विरेंद्र साह, रामनाथ पासवान, अजय पासवान, गुलबिया देवी, दरूदन बीबी, शकीना बीबी, रीता देवी मो तौहीद, मो नासिर अनारसी दास।

वर्जन : मैं गावों में विकास कार्यो को लेकर गंभीर हूं। मैं चाहता हूं कि विकास के मामले मे पंचायत को सम्मानजनक स्थान प्राप्त हो सके। गावों की अधिकतर सड़कें पक्की हो चुकी हैं। तीन कच्ची सड़कें हैं जिन्हें योजना में चयनित किया गया है। सोलिंग सड़कों के पक्कीकरण की योजना ली जा चुकी है। छह वार्डो मे सात निश्चय योजना के अंतर्गत नल जल योजना अंतिम पड़ाव पर है, बहुत जल्द लोगों को स्वच्छ जल मिलने वाला है। आने वाले दिनों में यह पंचायत आदर्श पंचायत के रूप में देखा जाएगा ।

जगजीवन राम, मुखिया।

रीडर कनेक्ट : 9955623323 ।


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