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कह रहे नेता जी, ‘पंडित जी बताई ना जीत कइसे होई....’

चुनावी बिगुल बजते ही लगातार पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के संपर्क में हैं नेताजी जीत के लिए ले रहे परामर्श। अपनी कुंडली दिखाकर पंडितों से ग्रह-गोचर दिखवा रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 07:57 PM (IST)
कह रहे नेता जी, ‘पंडित जी बताई ना जीत कइसे होई....’
कह रहे नेता जी, ‘पंडित जी बताई ना जीत कइसे होई....’

मुजफ्फरपुर, [पुनीत झा]। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार के लिए शुभ मुहूर्त पर नेताओं का ध्यान है। चुनाव लडऩे वाले लगभग हर दल के प्रत्याशी लगातार पंडितों व ज्योतिषाचार्यों के संपर्क में हैं। नेताजी अपनी कुंडली दिखाकर पंडितों से ग्रह-गोचर दिखवा रहे हैं। वे अपने विरोधियों को परास्त करने और अपनी जीत पक्की करवाने के लिए जाप और पाठ भी करवाने का ठेका पंडित जी को दे रहे हैं।

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 बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक ने बताया कि नेताओं की कुंडली के हिसाब से मुहूर्त निकाला जाता है। नवग्रहों की स्थिति के अलावा शुक्र व गुरु की स्थिति देखी जाती है। शुभ योग, लग्न, राहुकाल आदि से शुभ मुहूर्त निकलता है। ग्रह-गोचर की गड़बड़ी होने पर पूजा-पाठ और जाप कराने को कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है।

गोपनीयता का रखा जा रहा विशेष ख्याल

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली, समस्तीपुर व सीतामढ़ी सहित कई लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी उनके संपर्क में हैं, जो नामांकन और चुनाव प्रचार के लिए मुहूर्त निकलवा रहे हैं। गोपनीयता भंग नहीं हो, इसका ख्याल रखा जा रहा है।

 साथ ही आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो, इसपर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बताया कि मुहूर्त निकालने के लिए तिथि, नक्षत्र, योग, वार और प्रत्याशी की राशि सहित उनकी कुंडली पर विचार किया जाता है। कुंडली के अनुसार योग बन रहा है कि नहीं, यह देखा जाता है। यदि नहीं बन रहा है तो वह किस मुहूर्त में नामांकन करें, ताकि विजय प्राप्ति हो, इसके लिए परामर्श दिया जा रहा है।

पूजा-अर्चना का भी बना कार्यक्रम

रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं.रमेश मिश्र बताते हैं कि कई प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल करने जाने से पहले धर्म स्थलों में पूजा-अर्चना करने जाने का कार्यक्रम भी बना चुके हैं। इसके लिए उन्होंने सलाह ली है। चुनावी कार्यालय खोलने के लिए भी शुभ घड़ी का इंतजार किया जा रहा है। 


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