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बिहार के सीमावर्ती जिलों में बड़े पैमाने पर प्याज की तस्करी, 75 रुपये किलो तक पहुंची कीमत

प्याज तस्कर गिरोह ने सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी- छोटी झोपड़ियों में दिखावे के लिए दुकान खोल कर रखी है। जिसमें अन्य सामग्रियों की आड़ में प्याज-आलू रख रहे हैं। मौका मिलते ही प्याज की खेप नेपाल भेजी जा रही है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:40 PM (IST)
भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। दशहरा और दीपावली के मौके पर सूबे के सीमावर्ती बाजारों में सब्जियों की कीमत लगातार आसमान छूती जा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण प्याज और आलू की तस्करी बताई जा रही है। भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद रक्सौल के ग्रामीण रास्ते से साइकिल और बाइक से प्याज की तस्करी जारी है।

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प्याज की खेप नेपाल भेजी जा रही

प्याज तस्कर गिरोह ने सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी- छोटी झोपड़ियों में दिखावे के लिए दुकान खोल कर रखी है। जिसमें अन्य सामग्रियों की आड़ में प्याज-आलू रख रहे हैं। मौका मिलते ही प्याज की खेप नेपाल भेजी जा रही है। नेपाल से चीन उत्पादित मटर तस्करी होकर रक्सौल के रास्ते देश के विभिन्न प्रदेशों तक तस्कर पहुंचाई जा रही है। अनुमंडल में प्‍याज का खुदरा मूल्य 70 रुपये प्रति किलो है। सीमावर्ती रक्सौल,आदापुर,छौड़ादानो, रामगढ़वा प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के चौक- चौराहों और किराना दुकानों में 70 से 75 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। सब्जियों का राजा आलू पचास रुपये तक पहुंचने लगा है। हरी सब्जियां भी काफी मंहगी हो गई हैं। लोगों के लिए इस महंगाई में सब्जी खरीद पाना मुश्किल हो गया है। सीमावर्ती रक्सौल में आलू का खुदरा भाव 48 से 50 रुपये प्रति किलो है।

सप्‍लाई में कमी और बेमौसम बारिश

रक्सौल मुख्य बाजार के थोक विक्रेताओं से बातचीत में विक्की गुप्ता ने बताया कि प्‍याज का थोक भाव 60-65 रुपये प्रति किलो चल रहा है। लेकिन, देश की सबसे बड़ी मंडी में प्‍याज का थोक भाव एक दिन पहले 80 रुपये प्रति किलो के पार चला गया था। प्रतिष्ठान संचालकों ने बताया कि प्‍याज की बढ़ती कीमत की वजह सप्‍लाई में कमी और बेमौसम बारिश है। इसकी वजह से प्याज की फसल खराब हो गई है। देश के विभिन्न प्रदेशों में भारी बारिश की वजह से 50 फीसदी फसल खराब हो गई है।


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