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लॉकडाउन से खोई लहठी मंडी की चमक, वैवाहिक लग्न और रमजान से लगी उम्मीदें दफन

लॉकडाउन से मंदी लहठी की भट्ठी हो गई ठंडी। शहर के इस्लामपुर स्थित लहठी मंडी में छाई वीरानी। वैवाहिक लग्न और रमजान से लगी उम्मीदें दफन कारोबारी और कारीगरों में मायूसी।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 04:38 PM (IST)
लॉकडाउन से खोई लहठी मंडी की चमक, वैवाहिक लग्न और रमजान से लगी उम्मीदें दफन
लॉकडाउन से खोई लहठी मंडी की चमक, वैवाहिक लग्न और रमजान से लगी उम्मीदें दफन

मुजफ्फरपुर, नीरज। कभी उत्तर बिहार ही नहीं देश स्तर पर मुजफ्फरपुर की लहठी की पहचान थी। लेकिन, व्यवस्था की मार के चलते पहले लहठी उद्योग बदहाली का शिकार था। अब, लॉकडाउन के चलते लहठी उद्योग की भट्ठी, ठंडी हो गई है। इसके चलते लहठी के निर्माण और बिक्री पूरी तरह बंद है।

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शहर का इस्लामपुर लहठी निर्माण और बिक्री का देशस्तर का केंद्र है। इस्लामपुर में लहठी निर्माण और बिक्री की 100 दुकानें हैं। यहां रोजाना का कारोबार 60 हजार से एक लाख तक रहा है। एक हजार कारीगरों का रोजगार लहठी उद्योग से जुड़ा है। जबकि, जिले में पांच हजार से अधिक लहठी की छोटी- बड़ी दुकानें और 600 से अधिक लहठी उद्योग इकाइयां हैं। पांच से छह हजार कारीगर इनसे जुड़े हैं। बंगरा और औराई के इलाकों में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी लहठी निर्माण में लगी हैं। यहां की लहठी देश के अलग-अलग इलाकों में बिकने को जाती रही हैं।

अभिनेत्री ऐश्वर्या राय के लिए मंगवाई गई थी लहठी

मुजफ्फरपुर की लहठी की पहचान का अंदाजा इसी लगाया जा सकता है कि सिने स्टार अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे अभिषेक की शादी में बहू ऐश्वर्या के लिए इस्लामपुर स्थित मंडी से लहठी मंगाई थी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की शादी में उनके फैन सुधीर गौतम इस्लामपुर के दुकानदार अब्दुल सत्तार से लहठी खरीद कर गए थे। यहां की लहठी दिल्ली, हैदराबाद, मुबंई व सूरत जैसे महानगरों में भेजी जाती रही हैं।

रमजान और वैवाहिक लग्न से लगी उम्मीदें दफन

रमजान और वैवाहिक लग्न को लेकर लहठी बाजार में चमक की उम्मीदें दफन हो गई हैं। लहठी की 10 भट्ठियां चलाने वाले इस्लामपुर के मो. इस्माइल और उनके परिवार के 10 सदस्य लहठी निर्माण में लगे हैं। 30 से अधिक कारीगर और डेढ़ सौ दुकानदार उनसे जुड़े हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते इन सबकी भट्ठियां बंद हैं। हजारों का कच्चा माल बर्बाद हो रहा है। मजदूर अपने घर चले गए हैं। यही हाल अब्दुल, रहीम, रौनक खान और अशफाक की भट्ठियों का है। शमशेर और नदीम बताते हैं कि लॉकडाउन ने लहठी उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन टूटने के बाद भी लहठी उद्योग के फिर से गुलजार होने में लंबा वक्त लगेगा।


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