मनरेगा में काम के 11 वर्ष बाद भी नहीं मिली मजदूरी Muzaffarpur News
ऑडिट रिपोर्ट ने खोली व्यवस्था की पोल एईएस से प्रभावित 25 परिवारों को काम करने के वर्षों बाद भी नहीं मिली राशि।
मुजफ्फरपुर [प्रेम शंकर मिश्र]। इस वर्ष एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से जिले में करीब सौ बच्चों की मौत हुई। सैकड़ों पीडि़त हुए। इसका कारण पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामाजिक व आर्थिक ऑडिट कराया गया। महालेखाकार कार्यालय से जो ऑडिट रिपोर्ट भेजी गई है, उसने व्यवस्था की पोल खोल दी है। इसमें कहा गया है कि जिले में एईएस पीडि़त 25 बच्चों के परिजनों को मनरेगा में काम के पांच से 11 वर्ष बाद भी मजदूरी नहीं दी गई। इतना ही नहीं गरीब परिवारों को आगे रोजगार भी उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रधान महालेखाकार कार्यालय ने डीडीसी से दोषी कर्मचारियों व पदाधिकारियों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
15 दिनों में ही करना है भुगतान
महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा मजदूरों को काम के 15 दिनों में मजदूरी का भुगतान दिया जाना है। ऐसा नहीं होने पर क्षतिपूर्ति देनी है। मगर, एईएस पीडि़त परिवारों के सर्वे में यह बात सामने आई कि अप्रैल 2008 से 2015 तक की मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। वहीं, गरीब परिवारों को पूरी मजदूरी तो नहीं ही मिली, मनरेगा से रोजगार भी उपलब्ध नहीं कराया गया। योजना का कार्य नियम के विरुद्ध जेसीबी से कराया जाता है। यही कारण है कि जो परिवार एईएस से प्रभावित हुए उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं हो सकी।
इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब
-इन 25 गरीब मजदूरों को 54 से 135 माह बाद भी मजदूरी का भुगतान क्यों नहीं किया गया
-भुगतान में देरी पर क्षतिपूर्ति के लिए पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर से क्या कार्रवाई हुई
-मजदूरी में देरी को लेकर जिम्मेदार पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई कर इससे अवगत कराएं
-मनरेगा में जेसीबी से कार्य कराने पर प्रतिबंध है। इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए
एईएस प्रभावित इन परिवारों को नहीं मिली मजदूरी
-चिंता देवी (कांटी), जयप्रकाश कुमार, सुनयना देवी व मनोज साह (सरैया), हरिकिशोर महतो, अरुण सहनी, सुमंगल मांझी व अशोक महतो (कुढऩी), रंजीत राम, कैलाश सहनी व पंकज पासवान (कटरा), टुनटुन मांझी (मुशहरी), सोगारत सहनी, शैलेंद्र सहनी, शंकर राम, राजेंद्र राम, अवध पासवान, उपेंद्र राम व बिकाउ मांझी (मीनापुर), उदय दास, बिगन राम व इंदल सिंह (औराई), दीपलाल भगत व मोकिना खातून (मोतीपुर) और बंशी राम (मड़वन)।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप