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कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव: चिराग ने जलाई भाजपा की जीत की लौ, अनुसूचित जाति के वोट भाजपा को दिलाने में रहे सफल

कुढ़नी में विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार के अंतिम समय में सांसद चिराग पासवान ने जनसभा कर भाजपा के पक्ष में माहौल बना दिया था। इस सभा में उन्होंने जो कुछ कहा वह सब अनुसूचित जाति के वोट भाजपा को दिलाने में काम आया।

By Yogesh SahuEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2022 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 05:05 PM (IST)
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव: चिराग ने जलाई भाजपा की जीत की लौ, अनुसूचित जाति के वोट भाजपा को दिलाने में रहे सफल
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जीत का प्रमाणपत्र लेते भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता (बाएं)।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कुढ़नी विधनसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता की जीत के बाद वोटों का जोड़ घटाव शुरू हो गया है। भाजपा की इस जीत में नेताओं की भूमिका पर चर्चा चल रही है। पिछले चुनाव में राजद की जीत को देखते हुए महागठबंधन का समीकरण मजबूत माना जा रहा था। साथ ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की चार सभाओं के बाद वोटों का बिखराव भी थम गया था।

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उन्होंने जदयू उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह उर्फ मनोज कुशवाहा को माफ करते हुए लालू प्रसाद यादव के लिए वोट करने की अपील कर दी। यहां से जदयू का पलड़ा भरी लगने लगा था, मगर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोजपा, रामविलास के नेता चिराग पासवान की सभा ने चुनाव को रोमांचक कर दिया।

वोटरों की दुखती रग पर रखा हाथ

चिराग ने अपनी सभा में राज्य सरकार की शराबबंदी को लेकर हो रही पुलिस की कार्रवाई से नाराज अनुसूचित जाति के वोटरों की दुखती रग पर हाथ रख दिया। पिता रामविलास पासवान का नाम लेकर स्वजातीय पासवान वोटरों से भाजपा की मदद करने की अपील की। नतीजा यह रहा की भाजपा के परंपरागत वोट को अनुसूचित जातियों का साथ मिला। इस समीकरण ने अंत में भाजपा को जीत दिला दी।

हार से छेड़ सकती है नई चर्चा

भाजपा उम्मीदवार ने पासवान और अनुसूचित जाति वाले क्षेत्र में बढ़त बनाई। दूसरी ओर जदयू की यह हार समीकरण को देखते हुए काफी मंथन का विषय है। यह इसलिए कि माय (मुस्लिम यादव) समीकरण को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परंपरागत वोट कुशवाहा और कुर्मी का भी साथ मिला। कई मंत्रियों ने यहां डेरा डाले रखा। इसके बाद भी यह हार नई चर्चा छेड़ सकती है। क्योंकि राजद यहां बिना जदयू की मदद के चुनाव जीत चुका था।

भाजपा के वोट में नहीं हुआ बिखराव 

राजनिति के जानकारों की मानें तो जदयू उम्मीदवार के खिलाफ मतदाता नाराज थे। साथ ही राज्य सरकार की नीतियों पर चिराग के प्रहार ने भाजपा को जीत दिला दी। एक और महत्वपूर्ण बात यह रही कि वीआईपी के नीलाभ कुमार को उनका स्वजातीय वोट नहीं मिला। इस कारण भाजपा के वोट में बिखराव नहीं हुआ।


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