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कुढ़नी की रीना कुमारी मुजफ्फरपुर जिला परिषद अध्यक्ष निर्वाचित, जानें कौन बनीं उपाध्यक्ष

रीना कुमारी कुढ़नी प्रखंड की निर्वाचन क्षेत्र संख्या 27 से निर्वाचित हुई थीं। उन्होंने कमला कुमारी को 249 मतों के मामूली अंतर से हराया था। वहीं निरूपमा सिंह पारू प्रखंड से चुनाव जीती हैं। निरुपमा सिंह वैशाली सांसद वीणा देवी की बहू हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 01:40 PM (IST)
कुढ़नी की रीना कुमारी मुजफ्फरपुर जिला परिषद अध्यक्ष निर्वाचित, जानें कौन बनीं उपाध्यक्ष
दोनों पदों के लिए एक-एक उम्मीदवारी ही हुई। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। कुढ़नी की रीना कुमारी मुजफ्फरपुर जिला परिषद अध्यक्ष व निरूपमा सिंह उपाध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। उनका निर्वाचन निर्विरोध हुआ है। समाहरणालय के सभागार में सोमवार को 54 पार्षदों को शपथ दिलाने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई। दोनों पदों के लिए एक-एक उम्मीदवारी ही हुई। दो पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया। इस तरह बिना किसी विरोध के चुनाव संपन्न हो गया।

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निरूपमा सिंह लगातार दूसरी बार उपाध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। रीना कुमारी कुढ़नी प्रखंड की निर्वाचन क्षेत्र संख्या 27 से निर्वाचित हुई थीं। उन्होंने कमला कुमारी को 249 मतों के मामूली अंतर से हराया था। वहीं निरूपमा सिंह पारू प्रखंड से चुनाव जीती हैं। निरुपमा सिंह वैशाली सांसद वीणा देवी की बहू हैं। 

बिहार पंचायत चुनाव संपन्न हो जाने के बाद जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर गहमागहमी तेज हो गई थी। तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। जोड़-तोड़ की बात की जा रही थी। हालांकि जिस तरह से निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की गई है, इसने एक मिसाल पेश किया है। चुनाव की महत्ता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने दूसरे जिले के पदाधिकारी को प्रेक्षक बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार सिंह के निर्देश पर वैशाली के अपर समाहर्ता जितेंद्र प्रसाद साह प्रेक्षक बनाए गए थे। निर्विरोध निर्वाचन के पीछे आरक्षण का भी गणित रहा। जिला परिषद अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था जबकि उपाध्यक्ष का पद अनारक्षित था।

रविवार की देर रात तक कई नामों पर जिला के दिग्गजों के बीच मंथन चल रहा था। रीना कुुुुुमारी के अतिरिक्त संगीता देवी और विभा देवी भी रेस में बताई जा रही थीं। हालांकि अंतिम समय में दोनों की आेर से अपनी दावेदारी वापस किए जाने के बाद सर्वसम्मति की स्थिति बनी और फैसला रीना देवी के हक में चला गया। उपाध्यक्ष पर के लिए कोई पेच नहीं था। लगातार दूसरी बार उपाध्यक्ष का पद हासिल करने में निरुपमा सिंह सफल रहीं।


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