Consumer day : जानिए, क्यों जिला उपभोक्ता फोरम में लंबित हैं 1212 मामले, कहां फंसा है पेच
Consumer day फोरम के आदेश के बाद भी इंश्योरेंस कंपनियां नहीं कर रहीं मुआवजा भुगतान। प्रतिमाह लगभग 15 से 20 मामले यहां दर्ज किए जाते हैं।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन। जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष व दो सदस्यों सहित पूर्ण बेंच कार्यरत है। इससे मुकदमों की सुनवाई में तेजी आई है। फिलहाल फोरम में 1212 मामले लंबित है। इस साल अबतक 270 मामले फोरम के सामने आए हैं। प्रतिमाह लगभग 15 से 20 मामले यहां दर्ज किए जाते हैं। मामले की सुनवाई में एक माह से लेकर एक वर्ष तक का समय लगता है। दो वर्षो तक फोरम में सदस्यों का पद रिक्त रहने के कारण मामले की सुनवाई में देरी हुई थी।
उपभोक्ताओं की सशक्त आवाज
मुजफ्फरपुर जिला उपभोक्ता फोरम के पूर्व सदस्य व उपभोक्ता सेवा संघ बिहार के सचिव रणजीत कुमार उपभोक्ता की सशक्त आवाज हैं। आम उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने में वे हमेशा अग्रसर रहते हैं। मिलावट के खिलाफ उनकी ओर से शुरू की गई लड़ाई का प्रभाव सामने आया।
सरकार ने अलग से खाद्य सुरक्षा मंत्रालय बनाया और हर जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की तैनाती की। फिलहाल वे विभिन्न कंपनियों के उत्पादों की अनवरत मूल्यवृद्धि के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वे कहते हैं कि हर लॉट में कंपनियां अपने प्रोडक्ट की कीमत 10 से लेकर 30 फीसद तक कीमत बढ़ा देती है। यह आम उपभोक्ताओं के साथ सरासर अन्याय है।
उपभोक्ता फोरम की कानून की धारा में स्पष्ट उल्लेख है कि परिवाद का निष्पादन 90 दिनों से लेकर 150 दिनों के अंदर कर दिया जाए, लेकिन परिवाद के निष्पादन में कई-कई वर्ष लग रहे हैं। उपभोक्ता दिवस उनके लिए चुनौती लेकर आता है। कीमतों में मनमानी वृद्धि व परिवाद का निष्पादन तय समय सीमा के अंदर कराने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
मुआवजा की राशि को भटक रहे
मिठनपुरा निवासी सुनील कुमार का ट्रैक्टर चोरी हो गया था। उनके परिवाद का निष्पादन करते हुए उपभोक्ता फोरम ने इफको टोकियो जेनरल इंश्योरेंस कंपनी को 3.62 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया था। सुनील कुमार के अधिवक्ता अमरनाथ ने बताया कि इंश्योरेंस कंपनी ने इसके विरुद्ध राज्य आयोग में अपील भी नहीं की और राशि का भी भुगतान भी लंबित रखा है। इसी तरह अहियापुर के जियालाल चौक निवासी अनिल पासवान को एक लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश फोरम ने दिया, लेकिन पीएनबी मेट लाइफ इंश्योरेस कंपनी इसका भुगतान नहीं कर रही है।