जानिए, ISI एजेंट शमशुल का कहां-कहां रहा ठिकाना, किनसे जुड़े तार
दुबई से नेपाल डिपोर्ट किए गए गिरफ्तार आइएसआइ एजेंट शमशुल होदा के तार पाकिस्तान व मलेशिया सहित पांच देशों से जुड़े रहे हैं। नेपाल में उसके राजनीतिक संपर्क भी रहे।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। काठमांडू में गिरफ्तार आइएसआइ सरगना शमसुल होदा ने भारत विरोधी गतिविधियों के संचालन के लिए पांच देशों में नेटवर्क फैलाया था। इस दौरान पाकिस्तान के सुरक्षित स्थान और मलेशिया के टाइगर हिल पर भी प्रवास किया। यहां रहकर उसने आइएसआइ व दाउद इब्राहिम की 'डी' कंपनी से गहरे संबंध बनाए। शमसुल के पासपोर्ट से इसके प्रमाण मिले हैं।
जाली नोट का धंधा करता था
भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में विध्वंसक साजिश का मास्टरमाइंड शमसुल पहले जाली नोट का कारोबार करता था। नेपाल के एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ के मार्फत उसका संपर्क जाली नोट के धंधेबाज और आइएसआइ से हुआ। इस दौरान वह मलेशिया गया। वहां के टाइगर हिल पर स्थित 'डी' कंपनी के प्रमुख दाउद इब्राहिम के ठिकाने पर रहा।
शमशुल बाद में वह पाकिस्तान गया। वहां आइएसआइ एजेंट और उसके ओहदेदारों के साथ बैठकों में शामिल हुआ। अंत में वह नेपाल में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए ब्रजकिशोर गिरि के नेतृत्व में गिरोह बनाकर दुबई में सेटल कर गया।
भारत व नेपाल के दबाव का नतीजा है ISI एजेंट शमशुल की गिरफ्तारी
प्रभावशाली व्यक्ति की तलाश
बारा जिले (नेपाल) के एसपी नरेन्द्र प्रसाद उप्रेती ने कहा कि फिलहाल कई बातें सामने आई हैं। पाकिस्तान और मलेशिया जाने के प्रमाण पासपोर्ट पर मिले हैं। उसने आइएसआइ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। अभी पूछताछ चल रही है। नेपाल पुलिस उस बड़े राजनीतिक व्यक्ति की भी खोज कर रही है, जिसके सहारे वह अपराध की दुनिया में दूर तक जा पहुंचा।
2014 में लड़ा था चुनाव
वर्ष 2014 में शमसुल ने नेपाल के बारा क्षेत्र नंबर-दो से संविधान सभा का चुनाव राष्ट्रीय मधेस समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा। वह चुनाव हार गया। इसमें उसने भारतीय जाली नोट के कारोबार से आए रुपये खर्च किए। ढाई करोड़ के कर्ज में चला गया। फिर जाली नोट के धंधेबाजों ने बड़ा काम करने को कहा। तब भारत में विध्वंस की साजिश कराने में लग गया।
ISI एजेंट शमशुल ने खोले राज, तबाही की साजिश के लिए मिले थे 3 करोड़
नेपाल के दो स्थानों पर आवास
पुलिस जांच में पता चला कि शमसुल मूलत: नेपाल के परशुरामपुर वार्ड नंबर-चार का निवासी है। बाद में कलेया में मकान और लक्जरी गाड़ी खरीदी। फिर राजनीति में उतरा। नेपाल में धाक जमाने के लिए कलेया वाले मकान के एक हिस्से को एफएम दफ्तर खोलने के लिए किराये पर दिया।