कार्तिक स्नान आज से, अत्यंत पुण्यदायी है यह स्नान
शिव, चण्डी, सूर्य तथा अन्य देवालयों में दीप जलाने का बड़ा ही महत्व । इस माह कम से कम एक बार गंगा या पुष्कर स्नान अवश्य करें
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। कार्तिक मास को बड़ा ही पवित्र माना गया है। कहते हैं कि जो फल वैशाख माह में नर्मदा नदी पर स्नान करने पर मिलता है, वही फल कार्तिक माह में किसी पवित्र नदी के तट पर स्नान करने से मिलता है। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं.रमेश मिश्र बताते हैं कि सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति इस एक माह में मिलती है। 24 अक्टूबर से कार्तिक स्नान शुरू हो रहा है। इस माह में की गई पूजा तथा व्रत से तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसमें शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक पवित्र नदियों में स्नान- ध्यान करना श्रेष्ठ माना गया है, जो लोग नदियों में स्नान नहीं कर पाते हैं, वे सुबह अपने घर में स्नान व पूजा-पाठ करते हैं। इस माह में शिव, चण्डी, सूर्य तथा अन्य देवालयों में दीप जलाने तथा प्रकाश करने का बड़ा ही महत्व है। गायत्री मंत्र का भी जाप करना चाहिए। इस पूरे माह स्नान, दान, दीपदान, तुलसी विवाह, कार्तिक कथा का माहात्म्य सुनने आदि का विधान है। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है व पापों का शमन होता है। धर्मग्रंथों में कहा जाता है कि कार्तिक माह में दीपदान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं।
इस माह में पूजन के नियम
- भगवान श्रीकृष्ण के आगे दीपदान अवश्य करें।
- नित्य सूर्योदय के पहले स्नान करें।
- तुलसी की सेवा करें।
- इस माह कम से कम एक बार गंगा या पुष्कर स्नान अवश्य करें।
- ब्राह्मण या वैष्णव को दान करें।