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इस हत्याकांड से जुड़ा है शहाबुद्दीन का नाम, जानिए किस पिस्टल से हुआ था मर्डर

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में प्रयोग की गई पिस्तौल की पहचान कर ली गई है। सोनू कुमार गुप्ता के घर से बरामद हुई पिस्तौल से ही राजदेव रंजन की हत्या हुई थी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 08:42 PM (IST)
इस हत्याकांड से जुड़ा है शहाबुद्दीन का नाम, जानिए किस पिस्टल से हुआ था मर्डर
इस हत्याकांड से जुड़ा है शहाबुद्दीन का नाम, जानिए किस पिस्टल से हुआ था मर्डर

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। सोनू कुमार गुप्ता के घर से मिली पिस्टल से ही सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की गई थी। सीबीआइ ने यह जानकारी अदालत में दाखिल अपने जवाब में दी है। सोनू की ओर से आरोप खारिज करने के लिए दिए गए आवेदन का विरोध करते हुए सीबीआइ ने कहा है कि सोनू के खिलाफ आरोप गठन किए जाने के पर्याप्त साक्ष्य हैं।

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सीबीआइ ने अपने जवाब में पटना की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) से जारी रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है। देर से दाखिल किए गए जवाब के कारण गुरुवार को सोनू के आवेदन पर सुनवाई नहीं हो सकी।

वहीं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अन्य छह आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने की कार्रवाई अगली तारीख तक टाल दी गई। सुनवाई की अगली तारीख 22 दिसंबर मुकर्रर की गई है। 

विदित हो कि पुलिस जांच के दौरान सोनू के पास से मिली पिस्टल व गोली फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) पटना भेजी गई थी।

जबकि अन्य साक्ष्यों के नमूने यथा, राजदेव रंजन के कंप्यूटर के हार्ड डिस्क, मोबाइल व घटनास्थल के निकट के सीसीटीवी फुटेज को सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) हैदराबाद, नई दिल्ली व कोलकाता भेजा गया था। अभी सिर्फ पटना से ही जांच रिपोर्ट मिली है। यही रिपोर्ट सीबीआइ की ओर से कोर्ट में जमा की गई है।

सोनू कुमार गुप्ता के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर जवाब दाखिल नहीं किया गया था। इससे सुनवाई टाल दी गई। बाद में सीबीआइ की ओर से कोर्ट में जबाव दाखिल करने की बात बताई जा रही है। हालांकि, सीबीआइ की ओर से उन्हें इसकी प्रति हस्तगत नहीं कराई गई है। प्रति मिलने के बाद ही इसके कानूनी पहलू पर विचार किया जाएगा। 

लड्डन ने दी पिस्टल-गोली व 15 हजार रुपये 

सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में कहा कि उसके समक्ष आरोपित रोहित कुमार सोनी ने यह बयान दर्ज कराया है, इसमें कहा गया है कि राजदेव रंजन की हत्या के लिए लड्डन मियां ने उसे 15 हजार रुपये, एक पिस्टल व छह कारतूस दिए।

पिस्टल व गोली 25 मई, 2015 को सोनू कुमार गुप्ता के घर से बरामद हुई। एफएसएल जांच में यह बात प्रमाणित हुई कि राजदेव रंजन के पोस्टमार्टम के समय उनके शरीर से मिलीं गोलियां एक जैसी थीं।  

22 अगस्त को सीबीआइ ने दायर की थी चार्जशीट 

पत्रकार हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने दूसरी पूरक चार्जशीट 22 अगस्त को विशेष सीबीआइ कोर्ट में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी, राजेश कुमार, रिशु कुमार जायसवाल व सोनू कुमार गुप्ता के खिलाफ दाखिल की थी।

सीबीआइ कोर्ट ने चार्जशीट को संज्ञान लेकर सत्र-विचारण के लिए जिला जज के कोर्ट में भेजा था। जिला जज के कोर्ट में आरोप गठन की कार्रवाई पर सुनवाई चल रही है। 

यह है मामला  

पिछले साल 13 मई को सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पत्नी आशा यादव उर्फ आशा रंजन ने सिवान थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। 15 सितंबर 2016 को सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।


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