Move to Jagran APP

रोजगारपरक कोर्स डिमांड में, पास कोर्स के बदले अधिक दिलचस्पी

चुनिंदा कॉलेजों में कहीं चार तो कहीं पांच कोर्स में हो रही पढ़ाई। 39 अंगीभूत कॉलेजों में फिर भी इक्के-दुक्के में ही प्रोफेशनल्स कोर्स की पढ़ाई।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 12:30 PM (IST)
रोजगारपरक कोर्स डिमांड में, पास कोर्स के बदले अधिक दिलचस्पी
रोजगारपरक कोर्स डिमांड में, पास कोर्स के बदले अधिक दिलचस्पी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ग्लोबल मार्केट के विस्तार के साथ ही कई क्षेत्रों में एक अलग तरह के एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स की जरूरत और मांग बढ़ी है। इसे पूरा करने के लिए कुछ कोर सब्जेक्ट्स को मोडिफाई किया गया तो कुछ नए कोर्सेज को स्वरूप दिया गया। यहीं नए कोर्सेज आज बदलते वक्त की डिमांड बनते जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के वरीय शिक्षक डॉ. पंकज कुमार राय का मानना है कि पास कोर्स की तुलना में अब रोजगार आधारित कोर्स की डिमांड पिछले कुछ सालों में ज्यादा बढ़ी है।

loksabha election banner

बड़े कॉलेजों में चुनिंदा रोजगारपरक कोर्स

कहने को तो बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत सभी 39 कॉलेजों में इक्के-दुक्के प्रोफेशनल्स कोर्स की पढ़ाई होती है। मगर, चुनिंदा कॉलेजों में कहीं चार तो कहीं पांच कोर्स हैं। एलएस कॉलेज के शिक्षक डॉ. ललित किशोर व डॉ. सतीश कुमार के मुताबिक बीसीए, बीबीए, बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन, बैचलर इन लाईब्रेरी साइंस, बैचलर इन माइक्रोबायोलॉजी के अलावा ऑटोमोबाइल्स व हेल्थकेयर की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

  उत्तर बिहार में लड़कियों का प्रीमियर कॉलेज एमडीडीएम में बैचलर इन कंप्यूटर अप्लीकेशन, सीएनडी, बीबीए, आइएमबी, फूड साइंस एंड क्वालिटी कंट्रोल तथा प्रोफेशनल कोर्स में एजुकेशन की शिक्षा दी जाती है। आरडीएस कॉलेज में बीबीए, बीसीए, फिश एंड फिशरिज तथा इंडस्ट्रीयल केमिस्ट्री की पढ़ाई होती है।
पढ़ाई के साथ ही रोजगार की गारंटी
एमडीडीएम की प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने कहा कि बायो टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, फैशन डिजाइनिंग, बैचेलर ऑफ डिजाइन, बैचेलर ऑफ फाइन ऑर्ट्स, फाइनेंसियल मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट और लॉ सहित अन्य कोर्स हैं जिनमें पढ़ाई के साथ ही रोजगार की गारंटी है। जो विद्यार्थी ध्यान केंद्रित कर पढ़ाई करेंगे प्रतियोगिता अवश्य पास करेंगे। उन्होंने अपने यहां की कई छात्राओं का उदाहरण दिया जिसने अच्छा मुकाम हासिल किया है।संभावनाएं बेहद मगर लक्ष्य अभी कोसों दूर
कम्युनिटी कॉलेज के पूर्व नोडल अफसर व मोतीपुर जीवछ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजीव कुमार मिश्रा का कहना है कि प्रोफेशनल कोर्स में पारंपरिक कोर्स के बनिस्बत निश्चय ही रोजगार की अधिक संभावनाएं छुपी हुई हैं। नौकरी की बेहतर संभावनाओं के बावजूद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय इस मामले में अभी काफी पिछड़ा हुआ है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभी कोसों चलना बाकी है।
  एलएस कॉलेज की अगर हम बात करें तो यहां 2014 से 2019 तक सिर्फ दो छात्रों का प्लेसमेंट हो सका है। इनमें 2014 में आइएमबी से धीरज कुमार को एफसीआई में तथा 2015 में बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस से राजू कुमार को रेलवे में रोजगार मिला है।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.