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मुजफ्फरपुर में जमात को नहीं जुटा पाए जदयू के उम्मीदवार, इसके कारण हो गई हार

Muzaffarpur Political News जिले मे पार्टी ने मीनापुर कांटी गायघाट व सकरा में प्रत्याशी को उतरा था। केवल सकरा में सफलता मिली बाकी जगह पर हार का समाना करना पड़ा। इसका कारण उनके जमात का साथ नहीं मिलना माना जा रहा है।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 12:38 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 12:38 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में जमात को नहीं जुटा पाए जदयू के उम्मीदवार, इसके कारण हो गई हार
मुजफ्फरपुर में जमात को नहीं जुटा पाने के कारण हार गए जदयू के उम्मीदवार

मुजफ्फरपर, अमरेन्द्र तिवारी। जिला मेें जदयू के प्रत्याशी के हार का कारण उनके जमात का साथ नहीं मिलना माना जा रहा है। पार्टी ने मीनापुर, कांटी, गायघाट व सकरा में प्रत्याशी को उतरा था। केवल सकरा में सफलता मिली बाकी जगह पर हार का समाना करना पड़ा। चुनाव के बाद एमएलसी दिनेश सिंह, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष वीणा यादव व पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहां को पार्टी ने भीतरधाती मानते हुए दल से निलंबित कर दिया है। वहीं सेवा दल के जिलाध्यक्ष अबरार अहमद, श्रमिक प्रकोष्ठ के उमेश कुशवाहां, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संतोष कुमार भास्कर, किसान प्रकोष्ठ अध्यक्ष अशोक कुमार पर कार्रवाई की कवायद शुरू है। इसके साथ संगठन मेें रहकर विरोध करने वाले की पहचान कर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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 25 दिसम्बर को जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी के नेतृत्व में समीक्षा होगी। उसके बाद 27 को राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता कुमारेश्वर ने कहा कि दल के साथ जिस समाज का प्रत्याशी होता है उसका समर्थन जीत में बहुत अहमियत रखता है। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद यह देखा गया कि जदयू के प्रत्याशी के साथ दल समर्थक का साथ मिला जमात का उतना साथ नहीं मिला। आगे इस तरह का दोहराव न हो यह मंथन चल रहा है। अनुशासन समिति के अध्यक्ष वरीय नेता शैलेश कुमार शैलू ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि जदयू के युवा जिलाध्यक्ष संतोष भास्कर ने कांटी विधानसभा में सहयोग नहीं किया। समिति के सामने जदयू के प्रत्याशी मो.जमाल ने आरोप लगाया कि युवा जदयू अध्यक्ष का घर उनके विधानसभा क्षेत्र में है और वह उनका विरोध किए है।

इनको दिखाया गया बाहर का रास्ता, किया गया निलंबित

एमएलसी दिनेश सिंह, जदयू नेताक वीणा यादव, पूर्व जिाधक्ष्य हरिओम कुशवहां, तीन प्खंड अध्यक्ष में सकरा के रविभूषण, मुरौल के  देवकुमार सिंह, गायघाट के अरूण कुमार पंकज को पाटी के प्रदेश नेतृत्व की ओर से निलंबित किया गया है। इसके साथ चुनाव में कुछ प्रकोष्ठ की भूमिका संदिग्ध रही उसमेें महिला प्रकोष्ठ, पंचायती राज, सेवा दल, श्रमिक प्रकोष्ठ , किसान प्रकोष्ठ युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध रही। उनके उपर भी कार्रवाई की कवायद चल रही है।

 बोले अध्यक्ष जो होंगे संदिग्ध उसको हटाया जाएगा

जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने बताया कि जिनकी भूमिका संदिग्ध उनको हटाया जा रहा है। महिला जिलाध्यक्ष को हटाकर राशि खत्री को जवाबदेही दी गई है। इस तरह से कई बूथ् अध्यक्ष को हटाने की प्रकि्या चल रही है।

हार का मान रहे यह कारण

  • प्रत्याशी को अपने जमात का नहीं मिला समर्थन, पार्टी समर्थक व वोटर का मिला साथ
  • दल के अंदर रहकर दल के वर्ततमान व पूर्व माननीय ने किया प्रत्याशी के साथ भीतरधात
  • कई जगह पर प्रखंड अध्यक्ष व संगठन प्रभारी को मिली अपनों से धमकी
  • प्रत्याशियों के आरोप की रिपोर्ट जाएगी मुख्यालय
  • सेवा दल के जिलाध्यक्ष अबरार अहमद, श्रमिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष,किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष,  युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष की भूमिका सदिग्ध कार्रवाई की कवायद

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