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PM Narendra Modi की आत्मनिर्भरता का संदेश दे रहा बिहार का यह छोटा सा गांव जमादार टोला

543 घरों के इस गांव में हर परिवार का कोई न कोई हुनरमंद 30 गांवों की जरूरतें करते पूरी। फर्नीचर व आभूषण निर्माण मोबाइल टीवी बाइक रिपेयरिंग और राजमिस्त्री सहित अन्य कार्य करते।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:34 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 10:01 AM (IST)
PM Narendra Modi की आत्मनिर्भरता का संदेश दे रहा बिहार का यह छोटा सा गांव जमादार टोला
PM Narendra Modi की आत्मनिर्भरता का संदेश दे रहा बिहार का यह छोटा सा गांव जमादार टोला

पश्चिम चंपारण, [उपेंद्र शुक्ल]। PM Narendra Modi के आत्मनिर्भरता के मंत्र को बगहा का छोटा सा गांव जमादार टोला साकार कर रहा है। तकरीबन 543 घरों के इस गांव के हर परिवार का कोई न कोई व्यक्ति हुनरमंद है। लोहे का औजार बनाना, आभूषण व फर्नीचर निर्माण, इलेक्ट्रीशियन, मोबाइल रिपेयङ्क्षरग सहित अन्य कार्यों से लोग जुड़े हैं। महीने से 10 से 15 हजार रुपये की आमदनी कर लेते हैं। पांच दर्जन से अधिक प्रवासी घर लौटे हैं। अब वे भी यहीं काम कर रहे। वापस नहीं जाने का भी फैसला लिया है।

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हुनरमंदों के गांव के रूप में पहचान

जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बगहा प्रखंड की सिसवा बसंतपुर पंचायत का जमादार टोला देखने में तो देश के अन्य गांवों की ही तरह है, लेकिन इसे हुनरमंदों का गांव कह सकते हैं। तकरीबन तीन हजार आबादी वाले इस गांव में फर्नीचर बनाने वाले 25, आभूषण निर्माण वाले आठ, मोबाइल बनाने वाले 10, टीवी बनाने वाले सात, बाइक मिस्री तीन और 20 दर्जी के अलावा इलेक्ट्रिक इंजीनियर और राजमिस्त्री सहित अन्य कार्य से जुड़े लोग हैं। 30 किराना तो छह चाय की दुकान चलाते हैं। 50 गो पालन और पांच मुर्गी पालन से जुड़े हैं। बहुत से लोग खेती करते हैं। यह गांव आसपास के तकरीबन 30 गांवों की हर जरूरत पूरी करता है।

गांव छोड़कर दूसरी जगह जाने की नहीं सोचते

आभूषण कारीगर अवधेश प्रसाद सोनी व फर्नीचर बनाने वाले राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि गांव छोड़कर दूसरी जगह जाने की सोच भी नहीं सकते। रविशंकर प्रसाद किराना की दुकान चलाने के साथ मोबाइल रिपेयङ्क्षरग भी करते हैं। मुन्ना खां मकान बनाने में किसी इंजीनियर से कम तजुर्बा नहीं रखते। दूसरे गांवों के लोग घर की डिजाइन के लिए उनके पास आते हैं।

कोरोना काल में 65 प्रवासी घर आए

दूसरी ओर कोरोना काल में 65 प्रवासी घर आए हैं। ये भी यहीं काम कर रहे हैं। गोरख साह उनमें से एक हैं। वे नेपाल में सब्जी का कारोबार करते थे। लॉकडाउन में किसी तरह घर आए। अब गांव में ही सब्जी की दुकान खोल ली है। अवधेश प्रसाद सोनी दिल्ली में आभूषण की दुकान में काम करते थे। अब यहीं निर्माण व बिक्री का कार्य कर रहे। मोतीचंद शर्मा पहले श्रीनगर में थे। अब यहीं खुरपी, हसुआ, हल व कुदाल के साथ कई उपयोगी औजार बना रहे। मुन्ना खां कश्मीर से लौटने के बाद खेती कर रहे। सभी ने परदेस नहीं जाने का संकल्प लिया है।

ग्रामीण दूसरों के लिए मिसाल

पंचायत की मुखिया रिजवाना खातून कहती हैं कि गांव के लोग मेहनती और हुनरमंद हैं। बगहा विधायक आरएस पांडेय कहते हैं कि जमादार टोला के ग्रामीण दूसरों के लिए मिसाल हैं। राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर इन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। 


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