शिक्षा के प्रति जगा ऐसा जज्बा कि दिल्ली से मंगा बांटीं ये दुर्लभ पुस्तकें
विश्वविद्यालय के पीजी इतिहास विभाग के छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दुर्लभ पुस्तक अब सहज उपलब्ध हो रही हैं।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। विश्वविद्यालय के पीजी इतिहास विभाग के छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दुर्लभ पुस्तक अब सहज उपलब्ध हो रही हैं। एनसीईआरटी के प्लस टू स्तर की यह पुस्तक इतिहास के छात्र-छात्राओं के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है। इतिहास विभाग के वरीय शिक्षक डॉ. पंकज कुमार की पहल पर इसे विद्यार्थियों में बांटी जा रही है। इससे छात्र-छात्राएं उत्साहित हैं। अपने खर्च पर यह पुस्तक मंगाकर बांटने वाले शिक्षक डॉ. पंकज का कहना है कि यह पहल दूरगामी असरदायक होगी। अगर उस पुस्तक को अच्छे से विद्यार्थियों ने अध्ययन कर लिया तो इतिहास विषय में उनका पीछा करने वाला कोई नहीं होगा। यूपीएससी, बीपीएससी, नेट सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक अत्यंत लाभदायक हैं। उन्होंने कहा कि 1992 संस्करण की यह पुस्तक पूरे भारत वर्ष में कहीं नहीं मिलती। दरअसल, अपरिहार्य कारणों से उसके प्रकाशन पर रोक लगी थी। रोक हटने के बाद भी वह दुर्लभ ही है।
जेएनयू के गेट से खरीदवाकर मंगाई गई
संयोग से इस पुस्तक के बारे में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के गेट पर फोटोकॉपी कर कोई इसे बेच रहा है। इस पर हमारी दिली इच्छा हुई कि वो किताब मंगाकर निश्शुल्क विद्यार्थियों में बांटी जाए। किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. विपिन कुमार की मदद से किताबों का सेट खरीदवाकर मंगवाया। विभागाध्यक्ष सह प्रॉक्टर डॉ. विवेकानंद शुक्ला की मौजूदगी में यह पुस्तक विद्यार्थियों में बांटी गई। इसके साथ 10-10 विद्यार्थियों के 6-7 ग्रुप बनाकर पुस्तक दी गई हैं, अब वे सभी अपने सहपाठियों में उसे वितरित करेंगे। बहरहाल, डॉ. पंकज की इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है।