अंधापन निवारण अभियान में अनियमितता, प्रबंधक के वेतन पर लगी रोक
प्रभार लेकर घूम रहे हेल्थ प्रबंधक नहीं दे रहे हिसाब। अंधापन निवारण कार्यक्रम की समीक्षा में मिली अनियमितता।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में अंधापन निवारण कार्यक्रम पूरी तरह से ठप है। न समय पर महादलित टोले व स्कूल में चश्मा का वितरण हो रहा और नहीं अंधापन निवारण ऑपरेशन करने वाले निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान। समीक्षा में अनियमितताएं मिलने पर सिविल सर्जन डॉ.शैलेश कुमार सिंह ने नाराजगी जताते हुए तत्काल अंधापन निवारण कार्यक्रम की देखरेख कर रहे बोचहां के हेल्थ प्रबंधक आलोक कुमार का वेतन बंद करते हुए जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद दोषी पाए जाने पर सख्त विभागीय कार्रवाई होगी।
इसकी जानकारी जिलाधिकारी से लेकर प्रधान सचिव तक भेजी जा रही है। सिविल सर्जन ने बताया कि करीब नौ साल से हेल्थ प्रबंधक प्रभार लेकर घूम रहे हैं। एसीएमओ कार्यालय को अपना प्रभार नहीं दे रहे। इससे अभियान प्रभावित हो रहा है। जिला अंधापन निवारण कार्यक्रम में पिछड़ रहा है। सीएस ने कहा कि अगर समय पर जवाब व प्रभार नहीं मिला तो मजिस्ट्रेट की निगरानी में कागजात हासिल किए जाएंगे और प्राथमिकी भी दर्ज होगी। प्रभारी एसीएमओ डॉ.हरेंद्र आलोक ने कहा कि वह अपने स्तर से भी स्वास्थ्य प्रबंधक को अल्टीमेटम दिया तथा प्रभार देने के लिए लिख चुके हैं।
इधर स्वास्थ्य महकमे में इस बात की चर्चा रही किराज्य मुख्यालय के एक वरीय अधिकारी से जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों को मोबाइल पर बात कराकर अपना प्रभाव दिखाने का खेल भी चल रहा है।
सदर अस्पताल, मोतीपुर व कांटी में आधुनिक होगा प्रसव कक्ष
सदर अस्पताल, मोतीपुर व कांटी में आधुनिक प्रसव सुविधा बहाल की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ.शैलेश कुमार सिंह लक्ष्य योजना की समीक्षा करते हुए दो सप्ताह का टारगेट दिया। सीएस ने कहा कि इस अस्पताल में आने वाले प्रसूति का बेहतर इलाज होगा। मानक के हिसाब से सेवा व आधुनिक मशीन से इलाज सुविधा मिलेगी। तीनों अस्पताल में सेवा शुरू होने के बाद दूसरे अस्पताल का चयन किया जाएगा।
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