मुजफ्फरपुर में सहायक प्रोफेसर के 32 माह का वेतन लौटाने के बाद हाईवोल्टेज ड्रामा, अब प्राचार्य को देना होगा जवाब
BRABU Muzaffarpur विश्वविद्यालय स्तर पर कमेटी का होगा गठन विद्यार्थियों की उपस्थिति की होगी जांच। सहायक प्रोफेसर ने वेतन के 23.82 लाख लौटाए तो प्राचार्य से स्पष्टीकरण तलब। कुलपति बोले- मानक के अनुसार होंगे तो पीजी विभाग में होंगे नियुक्त।
मुजफ्फरपुर, जासं। नीतीश्वर सिंह महाविद्यालय में हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. ललन कुमार की ओर से 32 महीने का वेतन (23.82 लाख रुपये) चेक के माध्यम से लौटाने का पत्र भेजने के बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में खलबली मची हुई है। कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कालेज के प्राचार्य से इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। पूछा है कि कक्षाओं का संचालन क्यों नहीं हो रहा है? यदि कक्षाएं संचालित हो रही हैं तो शिक्षक ने यह सवाल क्यों उठाया हैं? इसकी जांच के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी कालेज में शिक्षक और छात्र-छात्राओं से पूछताछ करेगी। कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति की जांच होगी।
वहीं, कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने नियमों का हवाला देते हुए चेक की छायाप्रति रखकर मूल प्रति सहायक प्रो. ललन कुमार को वापस कर दी है। ललन स्थानांतरण नहीं होने की स्थिति में वेतन की पूरी रकम विश्वविद्यालय को लौटाने पर अड़े हैं। कुलपति ने कहा कि पीजी विभाग में वरीयता के आधार पर चार शिक्षकों को पदस्थापित किया जाता है। यदि वहां सीट उपलब्ध होगी और आवेदन करने वाले शिक्षक मानक को पूरा करेंगे तो उनका स्थानांतरण कर दिया जाएगा। वहीं, कालेज के प्राचार्य डा. मनोज कुमार का कहना है कि कक्षाएं संचालित होती हैं। उक्त शिक्षक की ओर से स्थानांतरण को लेकर विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया है। वह पत्र उनके माध्यम से नहीं भेजा गया है। कक्षाओं में विद्यार्थी आएं, इसके लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। इस पूरे मामले की खूब हो रही चर्चा।
- 32 माह का वेतन देकर सहायक प्रोफेसर ने सबको चौंकाया ।
- प्रोफेसर ने कहा- कालेज के संबद्ध विभाग में नहीं हैं स्टूडेंट ।
- बिना पढ़ाए मैं वेतन क्यूं लूं, सोशल मीडिया पर छा गए ललन कुमार ।
- बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति को वेतन का चेक भेजा ।
- 2019 से नीतीश्वर महाविद्यालय में कार्यरत हैं ।