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मुजफ्फरपुर के औराई में बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि

धरहरवा घनश्यामपुर नयागांव भरथुआ रतवारा रामपुर मथुरापुर बुजुर्ग विशनपुर गोखुल आलमपुर सिमरी समेत अन्य पंचायतों के लोग लखनदेई व मनुषमारा के पानी के जलजमाव से परेशान हैं। दूसरी ओर पश्चिमी भाग में बारिश के पानी के जलजमाव से लोगों की स्थिति नारकीय बनी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 11:24 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के औराई में बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि
औराई प्रखंड को बाढ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। फोटो- जागरण

औराई (मुजफ्फरपुर), संस। प्रखंड क्षेत्र में बागमती, लखनदेई व मनुषमारा नदी के जलस्तर में गुरुवार को वृद्धि जारी है। वहीं बाढ़ व वर्षा के पानी के जलजमाव से लोग परेशान हैं। इधर औराई दक्षिणी क्षेत्र के सरहंचिया, जनार, सहिलाबल्ली बसंत, भदई, डीहजीवर, अतरार, अमनौर, महेशवारा पंचायतों में प्रलयंकारी बारिश ने बाढ़ का रूप ले लिया है। औराई दक्षिणी क्षेत्र की 80 फीसदी जमीन में जलजमाव है। सैकड़ों एकड़ धान की फसलें नष्ट हो चुकी हैं। सैकड़ों घरों में बारिश का पानी लगा है। वहीं दर्जनों रास्ते अवरुद्ध हैं।

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इधर धरहरवा, घनश्यामपुर, नयागांव, भरथुआ, रतवारा, रामपुर, मथुरापुर बुजुर्ग, विशनपुर गोखुल, आलमपुर सिमरी समेत अन्य पंचायतों के लोग लखनदेई व मनुषमारा के पानी के जलजमाव से परेशान हैं। दूसरी ओर पश्चिमी भाग में बारिश के पानी के जलजमाव से लोगों की स्थिति नारकीय बनी है। कहीं भी ब्लीचिंग पाउडर व कीटनाशक का छिड़काव नहीं हो रहा है। सैकडों लोग जलजनित बीमारियं से परेशान हैैं। अब तक प्रखंड प्रशासन ने बाढ़ से संबंधित जमीनी स्तर सर्वेक्षण नहीं किया गया है। विगत पंचायत परामर्शदात्री समिति की बैठक में पूरे औराई प्रखंड को बाढ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। इस संबंध में विगत सप्ताह मंत्री सह विधायक रामसूरत राय ने समीक्षा बैठक में निर्देश भी दिए थे।

कटरा में बागमती के जलस्तर में वृद्धि, पीडि़तों में नाराजगी

कटरा, संस : बागमती के जलस्तर में गुरुवार को वृद्धि होने से बाढ़ पीडि़तों में दहशत है। लगातार बाढ़ की पीड़ा झेल रहे प्रखंडवासियों में निराशा है। फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं, अब जीवन यापन भी बोझ लगने लगा है। दूसरी तरफ प्रशासनिक स्तर पर उपेक्षा से किसानों में मायूसी छा गई है। बाढ़ पीडि़तों को अब तक कोई सहायता नहीं मिली है जिससे उनमें नाराजगी है। जलस्तर बढने से कटरा, बकुची, अंदामा, पतांरी, बसंत, खंगुरा, पहसौल, नवादा गंगेया आदि में कई घरों में पानी घुस गया है। मार्ग अवरुद्ध हो गए हैैं। उत्तरी भाग की 14 पंचायतों का आवागमन भंग है। सरकार की उदासीनता से क्षुब्ध गंगेया के लोगों ने सड़क पर बिजली का खंभा रखकर मार्ग चालू किया है।

लगातार हो रही बारिश से जहां पूरे क्षेत्र में लोग जलजमाव से परेशान हैं, वहीं नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। पिछले दो महीने से दर्जनों परिवार मवेशियों के साथ बांध पर शरण ले रखी है। पशु चारा की घोर किल्लत है। बाढ़ आने के साथ ही मजदूरी बंद हो गई। घर का अनाज भी समाप्त होने को है। ऐसे में उनकी चिंता बढ़ती जा रही है। उधर प्रशासनिक रवैया से भी पीडि़त परेशान हैैं। पिछले सप्ताह प्रखंड अनुश्रवन समिति की बैठक बुलाई गई थी। इसमें विधायक निरंजन राय भी मौजूद थे। पूरे प्रखंड की समीक्षा के बाद प्रतिनिधि मंडल इस नतीजे पर पहुंचा कि सभी 22 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं और उन्हे सहायता मिलनी चाहिए। विधायक ने सीओ पारसनाथ राय को दो दिनों में आकलन कर रिपोर्ट जिला को भेजने को कहा। एक सप्ताह गुजर गए, लेकिन रिपोर्ट जिला को नहीं भेजी गई। इससे किसानों में नाराजगी है। कांग्रेस के चंद्रकांत मिश्रा ने कहा कि कटरा प्रखंड जिले का सर्वाधिक बाढग़्रस्त इलाका है। इसके बाद भी अधिकारी का अडिय़ल रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।


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