वीटीआर में भालुओं की संख्या में इजाफा, कैसे संभव हुआ यह ... जानें West champaran News
फिलहाल 70 भालू होने का अनुमान। वन विभाग के अधिकारी व कर्मी उत्साहित। पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे दुर्लभ प्रजाति के भालू।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। बाघों के लिए प्रसिद्ध वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( वीटीआर) में अब दुर्लभ प्रजाति के भालू भी दिखने लगे हैं। यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। खुशी की बात यह कि इसकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। फिलहाल 70 भालू का अनुमान है। जबकि, टाइगर 40 के पार है।
वनकर्मियों ने दरआवारी दोन वन पथ पर बच्चे के साथ भालू को विचरण करते देखा तो उत्साहित हो गए। एक समय था कि शरीर के चारों और काले घने लंबे बालों वाले भालू लुप्त होने के करीब पहुंच गया था। लेकिन, अब संख्या बढऩे लगी है। जो प्रकृति और पर्यावरण के लिए शुभ संकेत है।
सखुआ के पेड़ों की सुरक्षा
भालू जंगल में पेड़ -पौधों पर लगे दीमक का आहार करता है। वीटीआर में अधिकतर सखुआ के पेड़ हैं। इसमें दीमक लगने से उसके अस्तित्व पर असर पड़ता है। ऐसे में भालू की मौजूदगी से इन पेड़ों को सुरक्षा होगी। भालू की आयु औसतन बीस साल बताई जाती है। पंजे टाइगर की तरह ही नुकीले होते हैं। टाइगर भी उस पर हमला करने से कन्नी काटता है।
शिकार पर अंकुश मुख्य वजह
भालू रात में ज्यादा सक्रिय रहता है। पूर्व में शिकारी बाघ का शिकार करने आते थे। इस दौरान अचानक सामना होने पर भालू को भी मार देते थे। नतीजा, संख्या में भी गिरावट आई थी। लेकिन, कई सालों से शिकार पर अंकुश लगा है। इसलिए मादा भालुओं के साथ उसके बच्चे भी दिखाई पड़ रहे हैं। अनुमान है कि इस वन्यजीव का प्रजनन सही तरीके से हो रहा है। इस बारे में वाल्मीकिनगर( प. चंपारण)के रेंजर महेश प्रसाद ने कहा कि अब भालुओं की संख्या में धीरे -धीरे इजाफा हो रहा है। वन्य जीवों के संरक्षण के साथ मानसून की अच्छी बारिश भी इसके प्रजनन का आधार होता है।