चिकित्सा कारोबार पर आयकर की नजर, चलेगा सर्वे अभियान
मुजफ्फरपुर जिले में 800 डॉक्टरों और 300 नर्सिंग होम. मात्र पांच ही जमा कर रहे 30 लाख से अधिक सालाना एडवांस टैक्स। प्रधान आयकर आयुक्त ने चिकित्सकों के साथ की बैठक।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। चिकित्सा कारोबार पर आयकर विभाग की नजर है। 31 मार्च तक चिकित्सकों ने अपना वास्तविक अग्रिम टैक्स जमा नहीं किया तो सर्वे अभियान शुरू होगा। उस स्थिति में करोड़ों रुपये जुर्माना देने के लिए तैयार रहें। ये बातें प्रधान आयकर आयुक्त, मुजफ्फरपुर डीसी वेणुपाणी ने कहीं। वह गुरुवार को रेडक्रॉस सभागार भवन में चिकित्सकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि जिले में 800 डॉक्टर व 300 नर्सिंग होम में मात्र पांच चिकित्सक सालाना 30 लाख या इससे अधिक अग्रिम टैक्स जमा करते हैं। जबकि, वास्तविकता में बड़े करदाताओं की संख्या सैकड़ों में है। ऐसे में चिकित्सक अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का पालन करते हुए वास्तविक एडवांस टैक्स जमा करें।
मौके पर संयुक्त आयुक्त आयकर प्रणव कुमार कोले, आयकर पदाधिकारी आइसी झा, सुजीत कुमार समेत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार, भारतेंदु कुमार समेत तीन दर्जन से अधिक चिकित्सक मौजूद थे।
पैथोलॉजी जांच में मिलता कमीशन
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सकों की आय सिर्फ मरीजों के परामर्श शुल्क से ही नहीं है। उनका विभिन्न प्रकार की जांच में भी कमीशन बंधा हुआ है। पूर्व में हुए सर्वे में ये तथ्य सामने आए हैं।
मरीजों को नहीं मिलती रसीद
चिकित्सकों द्वारा ली गई फीस की राशि भी कहीं दर्ज नहीं होती है। वहीं, अधिकतम हजार रुपये तक शुल्क लिया जाता है। मरीजों को फीस की रसीद नहीं दी जाती। सरकार से फीस का मानक तय नहीं होने का पूरा लाभ चिकित्सक उठाते हैं।
ऐसे है विभाग के पास जानकारी
सभी चिकित्सकों के पैन नंबर आधार से अटैच हैं। विभाग के सॉफ्टवेयर में सभी की आय कैद है। ऐसे में सर्वे से चिकित्सक बचें।
ये भी तथ्य
- नर्सिंग होम में रेट बोर्ड नहीं लगाते।
- इमरजेंसी केस में मरीजों के परिजन से मनमानी फीस आइसीयू में भर्ती करने के बाद वसूली जाती है।
- विभिन्न प्रकार की जांच के नाम पर हजारों रुपये फीस ली जाती है।