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Samastipur: बदलते मौसम को देखते हुए किसान करें तैयारी, फल एवं सब्जियों पर रखें विशेष नजर

विज्ञानियों ने वैसे किसानों से अपने खेतों की गहरी जुताई को कहा है जिनकी खेत खाली है। जुताई के बाद उस खेत को खुला छोड़ने को कहा है ताकि तेज धूप मिट्टी में छिपे कीड़ो के अण्डे एवं घास के बीजों को नष्ट कर दें।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 01:54 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 01:54 PM (IST)
Samastipur: बदलते मौसम को देखते हुए किसान करें तैयारी, फल एवं सब्जियों पर रखें विशेष नजर
मौसम में बदलाव के अनुसार क‍िसान शुरू करें खेती की तैयारी।

समस्तीपुर, जासं। बदलते मौसम को देखते हुए डा. राजेंद्र प्रसाद केंदीय कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने किसानों को कई सलाह दी है। कहा गया है कि किसान रबी मक्का की तैयार फसलों की कटनी तथा दौनी एवं दानों को सुखाने के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर संपन्न करें। अगात मूंग, उड़द की तैयार फलियों की तुड़ाई कर लें। पिछात बोयी गयी मूंग एवं उड़द की फसल में पीला मोजैक रोग की निगरानी करें। यह विषाणु द्वारा उत्पन्न होने वाला विनाशकारी रोग है जो सफेद मक्खी (एक रस चूसक कीट) के द्वारा फसल में प्रसारित होता है। इसके शुरूआती लक्षण पत्तियों पर पीले धब्बे के रूप में दिखाई देता है, बाद में पत्तियां तथा फलियां पूर्ण रूप से पीली हो जाती है। विज्ञानियों ने वैसे किसानों से अपने खेतों की गहरी जुताई को कहा है जिनकी खेत खाली है। जुताई के बाद उस खेत को खुला छोड़ने को कहा है ताकि सूर्य की तेज धूप मिट्टी में छिपे कीड़ो के अण्डे, एवं घास के बीजों को नष्ट कर दें।

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लत्तर वाली सब्जियों की करें निगरानी

फल मक्खी लत्तर वाली सब्जियां जैसे जैसे नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू), और खीरा फसल को क्षति पहुंचाने वाला मक्खी की तरह दिखाई देने वाली भूरे रंग की होती है। मादा कीट मुलायम फलों की त्वचा के अन्दर अंडे देती है। अंडे से पिल्लू निकलकर अंदर ही अंदर फलों के भीतरी भाग को खाता है। इसके कारण पूरा फल सड़ कर नष्ट हो जाता है। अतः इस कीट की निगरानी करें एवं प्रकोप दिखाई देने पर बचाव के लिए मिथाइल यूजीनोल ट्रेप का प्रयोग कर सकते हैं। अथवा डाईमेथाएट 30 ईसी दवा 2 मिली 10 ग्राम चीनी/गुड़ प्रति लीटर पानी की दर मिलाकर आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें। इन सब्जियों की फसल में निकाई-गुड़ाई का कार्य करें।

खरीफ मक्का की बुआई के लिए करें खेत की तैयारी

खरीफ मक्का की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत की जुताई में 10 से 15 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 30 किलो नेत्रजन, 60 किलो स्फुर एवं 50 किलो पोटाश का व्यवहार करें । उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित मक्का की किस्में जैसे सुआन, देवकी, शक्तिमान-1, शक्तिमान-2, राजेन्द्र संकर मक्का-3, गंगा-11 है। खरीफ मक्का की बुआई 25 मई से करें।


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